यातायात विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार बीते वर्ष २०१७ में जिले में ११०० सड़क हादसे हुए। इसमें ३१७ लोगों ने जान गंवाई। जबकि १५५६ लोग घायल हुए। बीते पांच सालों में सबसे ज्यादा हादसे १२३९ वर्ष २०१४ में हुए थे। लेकिन मृतकों की संख्या बीते वर्ष की तुलना कम २३६ थी।
बजट की राशि से स्पीड बंप (लाइट वाले स्पीडब्रेकर) भी खरीदे जाएंगे। इनका उपयोग शहरी क्षेत्र से बाहर अंधे मोड़ों पर किया जाएगा। इसके अलावा लंबे मोड़ वाले स्थानों पर लगी लोहे की जालियों पर लंबी रेडियम की पट्टी लगाएंगे। इसके लिए जुलवानिया रोड, कसरावद रोड, सनावद-बड़वाह रोड, इंदौर-इच्छापुर हाईवे के कुछ स्थान तय किए हैं।
इस बजट से जिले के सभी थानों पर ब्रिथ एनालाइजर मशीन व छोटे लाउड स्पीकर भी दिए जाएंगे। इसके अलावा बड़े टर्न पर लंबी रेडियम पट्टी, जमीन में गाडऩे वाले रेड लाइट बोर्ड भी लगाएंगे। इसके अलावा यातयात नियमों के प्रचार-प्रसार पर भी खर्च किया जाएगा।
यातायात प्रभारी ने बताया हादसों में जिन लोगों की असमय मौत हुई है उन मामलों में बाइक सवार भी शामिल हैं। इनमें ज्यादातर मौत उन लोगों की हुई है जो बिना हेलमेट या नशे में बाइक चला रहे थे। पुलिस ने बताया कार्यक्रम चलाकर वाहन चलाते समय सतर्कता बरतने व यातायात नियमों का पालन करते हुए हेलमेट पहनने की सलाह भी दी जा रही है।
शहर की हालत भी खराब
शहर में भी कई स्थान एक्सीडेंटल जोन बने हुए हैं। बिस्टान रोड, कसरावद रोड, डायवर्शन रोड ऐसे स्पॉट हैं जहां नजर हटते ही दुर्घटनाएं हो जाती हैं। हालांकि शहर में जगह-जगह स्पीडब्रेकर बने हैं लेकिन वाहन चालक वहां रास्ता छोड़ नीचे से वाहन निकालने के चक्कर में भी दुर्घटना का शिकार होते हैं।
वर्ष हादसे मृतक घायल
2013 1146 267 1518
2014 1239 236 1613
2015 1129 277 1430
2016 1000 200 1125
2017 1100 317 1556
(आंकड़े यातायात विभाग के अनुसार)
चिन्हित किए स्थान
-एक्सीडेंटल जोन चिन्हित कर लिए हैं। जिले के सभी थानों को भी सतर्क किया है। बजट से मिली राशि का उपयोग कर तय स्थानों पर सुरक्षा की दृष्टि से संकेतक लगाएंगे।