मामा विष्णु वर्मा, अंकित वर्मा ने बताया कि मृतक विजय वर्मा अपने परिवार इकलौता कमाने वाला था। उसकी मौत की खबर सुनकर मां बदहवास हो गई। विजय के पिता छोटेलाल की पूर्व मेंं मौत हो चुकी है।
विजय गुरुवार सुबह ही पत्नी और दोनों बेटियों को लेने गया था। शुक्रवार को उसके परिवार के साथ एक निजी आयोजन में पिपल्या जाना था। इसके पूर्व परिवार के साथ यह अनहोनी घटना हो गई।
समाजसेवी नीलेश रोकडिय़ा, संजय गुप्ता, हेमराज गुप्ता, आशाराम ठाकुर, शशिकांत पटेल ने कहा कि इस मार्ग को न तो फोरलेन बनाया जा रहा है। ना ही गड्ढे भरे जा रहे हैं। इसलिए अक्सर हादसे होते रहते हैं और लोगों की जानें जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गड्ढे बचाने के चक्कर में ही विजय और उसका परिवार हादसे का शिकार हुए। जहां पीछे से आए आयशर ने बाइक को टक्कर मार दी। एमपीआरडीसी और ठेकेदार हाइवे को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है। बारिश में हाइवे पर सफर करना जानलेवा साबित होता है। क्योंकि हर साल हाइवे पर बारिश के दौरान सैकड़ों की संख्या में जानलेवा गड्ढे होते हैं। जिनकी मरम्मत के नाम पर महज खानापूर्ति होती है। एक माह पूर्व ही सिमरोल से बलवाडा तथा घाट सेक्सन में गड्ढों को भरा था। लॉक डाऊन में यातायात नहीं के बराबर रहा। वही अभी इतनी बरसात भी नहीं हुई है कि रोड खुद सके। फिर भी रोड पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए है। ग्रामीणों ने पैंचवर्क की मांग की है।