कलेक्टर ने देखा ट्रेंचिंग ग्राउंड, कचरा संग्रहण की प्रकिया समझी, बोले- जिलेभर की नगरपालिकाओं से जुटाओ कचरा, करो निपटान
26 जनवरी को ट्रेंचिंग ग्राउंड पर होगा मैच, मप्र का पहला प्रयोग जहां कचरे के बीच अफसर खेलेंगे क्रिकेट, लगाएंगेे चौके, छक्के
कचरे से बने खाद की क्वालिटी देखते कलेक्टर गोपालचंद डाड
खरगोन स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के पहले व दूसरे क्वार्टर में बेहतर रिजल्ट देने वाली नगरपालिका के स्वच्छता संंबंधी कामकाज की पड़ताल करने के लिए मंगलवार को पहली बार कलेक्टर गोपालचंद डाड व एसपी सुनील कुमार पांडेय डाबरिया फाल्या स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचे। यहां अफसरों ने एक-एक पाइंट पर बारीकि से काम का ऑब्जर्वेशन किया और हकीकत जानी। करीब दो घंटे चले निरीक्षण के बाद कलेक्टर ने कहा- यहां देसी जुगाड़ से कचरे का निष्पादन बेहतर ढंग से हो रहा है। जिले की अन्य नगरपालिकाओं से भी संपर्क करें। वहां का कचरा यहां लाए और उसका निपटान करें। उन्हें भी प्रक्रिया समझाएं। कलेक्टर ने 26 जनवरी पर टे्रचिंग ग्राउंंड में क्रिकेट मैच रखने की बात भी कही। यदि ऐसा होता है तो यह प्रदेश का पहला ऐसा प्रयोग होगा जहां ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे के बीच कलेक्टर, एसपी व अन्य अफसर चौके-छक्के लगाते नजर आएंगे।
सेवन स्टार रेटिंग की दौड़ में शामिल खरगोन नगरपालिका की कचरा संग्रहण व्यवस्था की जांच करने के लिए कलेक्टर डाड व एसपी पांड्ेय दोपहर करीब 12 बजे ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने पूरे ग्राउंड का जायजा लिया। इसके बाद बारी-बारी से हर एक यूनिट की बारीकी से पड़ताल भी की। इस दौरान कलेक्टर सूखे कचरे के निपटान के लिए स्थापित एमआरएफ सेंटर पहुंचे। यहां सीएमओ निशिकांत शुक्ला से इसकी जानकारी ली। सीएमओ ने बताया इसमें सूखे कचरे को प्लास्टिक, लोहा, पीतल, तांबा व कागज आदि अन्य मटेरियल के आधार पर अलग-अलग कर रखते हैं। कचरे के निपटान के लिए कबाडिय़ों से अनुबंध किया है।
कचरे से जैविक खाद बनाने की विधि जानी
ट्रेंचिंग ग्राउंड पर ही नगर से निकलने फीकल स्लज के निपटान के लिए एफएसटीपी प्लांट स्थापित है। कलेक्टर ने इस प्लांट का जायजा लिया। स्वास्थ्य अधिकारी प्रकाश चित्ते ने बताया इस प्लांट की क्षमता 30000 लीटर रोजाना है। नगर से संग्रहित होने वाले गीले कचरे से जैविक खाद बनाते हैं। इस खाद का छिड़काव शहर के गार्डनों एवं मुख्य मार्गो के बीच बने डिवाइडर में लगाए पौधों में हो रहा है। इसके अलावा किसानों को भी जैविक खाद बेचा जाता है। कलेक्टर ने यहां खाद निर्माण के लिए पिट एवं फुली कंपोस्टिंग मशीन भी देखी।
जुगाड़ से तैयार की मशीन देख कलेक्टर बोले- गुड
अफसरों ने शहर से निकलने होने वाले प्लास्टिक अपषिष्ट निपटान के लिए लगी फटका मशीन, बेलिंग मशीन एवं गट्टा मशीन देखी। सीएमओ ने बताया यह मशीनें जुगाड़ से तैयार की है। इसके अलग-अलग पार्ट्स गुजरात, महाराष्ट्र से मंगाए हैं और यह मशीन तैयार की है। प्लास्टिक अपशिष्ट को रिसायकल कर बने गट्टों का जायजा देते हुए कहा- गुड, आप कचरे का सही उपयोग कर रहे हैं।
अन्य नगरपालिकाओं के संग्रहित कचरे को लाएंगे खरगोन
ट्रेंचिंग ग्राउंड पर लगी कचरा निपटान मशीनरी देखकर कलेक्टर ने जिले की अन्य नगरपालिकाओं की स्थिति भी जानी। उन्होंने कहा- शहर की अन्य नगरपालिकाओं में कचरा निपटान की क्या स्थिति है। सीएमओ ने बताया इतनी मशीनरी के साथ कचरे का निपटान यही हो रहा है। इस पर कलेक्टर ने कहा- सभी नगरपालिकाओं के पास संग्रहित कचरे को यहां लाओ और उसका रिसाइकल करो। इसके लिए सभी सीएमओ से संपर्क करने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए हैं।
ऐसी है शहर की सफाई व्यवस्था, नपा ने लगाए यह तामझाम
ट्रेंचिंग ग्राउंड का जायजा लेने के बाद शहर में जमीनी स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों व मशीनरी की अपडेट भी कलेक्टर ने सीएमओ से ली। सीएमओ ने बताया शहर के 33 वार्डों को 11 जोन में बांटा है। यहां सफाई व्यवस्था के लिए 11 दरोगा नियुक्त है। 350 सफाई कर्मी रोजाना नियमित सफाई एवं व्यवसायिक क्षेत्रों में रात्रिकालीन विशेष सफाई करते हैं। शहर के मुख्य मार्गो की सफाई दिन में तीन बार होती है। रोजाना ३८ डोर-टू-डोर कचरा वाहनों से 100 प्रतिशत गिला एवं सूखा कचरा अलग-अलग संग्रहित किया जा रहा है।
होम कंपोस्टिंग और पॉलीथीन प्रतिबंध
सीएमओ ने कलेक्टर को बताया कि अपशिष्ट को कम करने के लिए होम कंपोस्टिंग, झोला बैंक, बर्तन बैंक, थ्री-आर एवं पॉलीथिन प्रतिबंध जैसे काम किए हैं। परिणाम यह रहा कि विगत वर्षो में नगर से निकलने वाले कचरे की कुल मात्रा लगभग 65 टन रोजाना थी, जो कम होकर वर्ष 2019 में लगभग 48 टन रोजाना हो गई है।
-1.50 लाख आबादी शहर की
-33 वार्ड
-10 किमी क्षेत्र में फैला शहर
-11 जोन में बंटा शहर
-350 सफाई कर्मी
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