व्यापारियों का ध्यान खींचने के लिए किसानों ने अपनी बैलजोडिय़ों को खूब सजाया। कोई रंग बिरंगे रिबन बांधकर लाया तो किसी ने सिंगों की सफाई कर उन्हें काला-सफेद पेंट कराया। सुबह ८ बजे से शुरू हुई पशुओं की खरीदारी देर रात तक चलती रही।
मॉस्क की अनदेखी
मेले में मॉस्क लगाने को लेकर लोगों ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। अधिकांश लोग बगैर मॉस्क ही दिखे। जिन्होंने लगा रखे थे उन्होंने भी कार्रवाई के डर से गले में टांग रखे थे। उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व कलेक्टर ने मेले में मॉस्क न लगाने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्य गेट पर मॉस्क लिए कर्मचारी खड़े जरूर दिखाई दिए।