इस बार न दोहराए गलती यूपी के परिवहन मंत्री और लोकसभा चुनाव के प्रदेश प्रभारी स्वतंत्रसिंह ने कहा कि देश में कांग्रेस ने कई साल राज किया, लेकिन गरीबों की सुध नहीं ली। प्रधानमंत्री मोदी ने हर योजना गरीबों के लिए बनाई। साढ़े चार साल में कई जनहित के कार्य और सतत विकास किया। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में प्रधानमंत्री सड़क और नदियों को जोडऩे की योजना बनाई। दुर्भाग्य से यूपी में सात सीटें कम मिलने से अटलजी के नेतृत्व में दूसरी बार सरकार नहीं बन पाई। यह गलती इस बार न दोहराए। कार्यक्रम को भाजपा के संगठन महामंत्री सुभाष सुहाग, पूर्व श्रम मंत्री अंतरसिंह आर्य ने भी संबोधित किया। इस दौरान खरगोन और बड़वानी जिले के हजारों कार्यकर्ता व पदाधिकारी मौजूद थे। स्वागत भाषण भाजपा जिलाध्यक्ष परसराम चौहान और सांसद सुभाष पटेल ने दिया। संचालन रणजीत डंडीर ने किया। पूर्व विधायक बालकृष्ण पाटीदार, अजजा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र पटेल, बाबूलाल महाजन सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
ऐ मेरे वतन के लोगोंं गीत सुनकर हुई नम आंखे कार्यक्रम की शुरुआत में पुलवामा के शहीदों की याद में मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान सुनेना ठाकुर ने ऐ मेरे वतन के लोगों जरा याद करो कुर्बानी…गीत की प्रस्तुति दी। जिससे कुछ देर के लिए माहौल गमगीन हो गया। कई महिला कार्यकर्ताओं की आंखों से आंसू निकल गए। सामूहिक वंदे मातरम् गायन किया। विजयर्गीय ने ‘कर चले जान वतन साथियोंÓ गीत सुनाया।
ये भी जानिए प्रेरणा: खरगोन वह जिला है, जहां जनसंघ के जमाने रामचंद्र विट्ठल पैदा हुए। हमें इससे प्रेरणा लेना चाहिए। देश में आज पार्टी १० करोड़ कार्यकर्ता। यह रातोंरात नहीं हुआ। वर्षों की मेहनत और हजारों कार्यकर्ता ने खून से पार्टी को सींचा हैं। बड़ों की इस पंूजी को आगे बढ़ाना है।
नसीहत: संगठन से बड़ा नेता नहीं हो सकता। खरगोन-बड़वानी में जो हार हुई, उसके लिए यहां के नेता जिम्मेदार हैं। इसलिए किसी के ऊपर उंगली उठाने से अच्छा है अपनी गलती को सुधारें। विधानसभा हार का बदला लोकसभा में लिया जाए।
हमला: पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ५ मिनट भी ठीक से सो नहीं पाए। ४ दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बयान आया कि पुलवामा की घटना लोकसभा चुनाव के वक्त क्यों हुई। इससे विपक्ष के मन की बात हो गई। कांग्रेस सहित विरोधी दल आज पाकिस्तान की भाषा बोलने लगे हैं। जिन्हें देश कभी माफ नहीं करेगा।
किसान: विजयर्गीय ने खुद का उदाहरण दिया कि मैं जब मालवा के एक गांव में गया, तो वहां ओले गिरने पर किसान आपस में बात कर रहे थे कि गलती हो गई रे मामा, पालो गिरणो कांग्रेस के नेताओं को तो पता नी हे…। सब दो लाख के चक्कर में आ गए। कर्ज तो माफ नहीं हुआ, लेकिन किसान परेशान है।