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बढ़ रहा बच्चों का कैंसर, पहचानना मुश्किल

बी अवेयर… बच्चों में होने वाले कैंसर वयस्कों की तुलना में उम्र और लक्षणों के आधार पर अलग तरह के होते हैं। 

Jul 18, 2017 / 08:02 pm

विकास गुप्ता

Children's cancer

Children’s cancer

यूं तो कैंसर के लक्षण पहले वयस्कों में देखने को मिलते थे। लेकिन इस बीमारी की चपेट में अब बच्चेे भी आने लगे हैं। कैंसर शरीर के विभिन्न भागों में सामान्य कोशिकाओं के अनियंत्रित वृद्धि के कारण होता है। सामान्य परिस्थितियों में सेल्स का एक नियंत्रित तंत्र होता है। कभी-कभी नॉर्मल सेल्स के अंदर डीएनए मॅालीक्यूल्स में अपरिवर्तनीय क्षति के कारण कर्सिनोजन हमला कर देते हैं। यही कैंसर जैसी बीमारी का कारण बनता है। बचपन में कैंसर होना चाइल्डहुड कैंसर कहलाता है। दुनियाभर में यह अनुमान लगाया गया है कि चाइल्डहुड कैंसर की वजह से प्रतिवर्ष 1 लाख 75 हजार बच्चों की मृत्यु हो जाती है। एक शोध से पता चला है कि चाइल्डहुड कैंसर से मरने वाले बच्चों की मृत्यु दर लगभग 20 फीसदी थी, जिसमें हाल ही में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है। आइए जानते हैं इसके लक्षणों और उपचार के बारे में। 

विल्मेस ट्यूमर अधिकांश तौर पर 4 या 5 साल के बच्चों को होता है। पेट में गांठ बनना, भूख न लगना, बुखार आदि इसके लक्षण हैं। 

क्या हैं लक्षण
कैंसर स्पेशलिस्ट इन चाइल्डहुड ट्यूमर्स डॉ. रमनदीप अरोड़ा के अनुसार कैंसर के लक्षण को पहचानना मुश्किल होता है क्योंकि ये सामान्य बीमारी की तरह होते हैं जैसे सुस्ती, कमजोरी, चक्कर आना, पीठ, पैर, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, असामान्य रक्तस्त्राव, मसूढ़ों से खून आना,भूख न लगना, वजन घटना, पेट में सूजन, पेटदर्द, कब्ज, सांस लेने में कठिनाई, लगातार खांसी, पीठ दर्द, पुतली के पीछे सफेद रंग आदि।

देखभाल है जरूरी 
आपके डॉक्टर कई आधारों पर यह तय करते हैं कि आपको किस प्रकार की देखभाल की आवश्यकता है जैसे कंैसर का प्रकार, कैंसर कितनी तेजी से बढ़ रहा है, क्या कैंसर शरीर के अन्य अंगों में फैल गया है, आपकी आयु और समग्रता में आपका स्वास्थ्य आदि। 

कैंसर के प्रकार
बच्चों में होने वाले कैंसर के प्रकार वयस्कों की तुलना में अलग तरह के होते हैं जैसे ल्यूकीमिया, ब्रेन एंड अदर सेंट्रल नर्वस सिस्टम ट्यूमर, न्यूरोब्लास्टोमा, लिम्फोमा, रैब्डोमायोसरकोमा, रेटिनोब्लास्टोमा, बोन कैंसर आदि। आमतौर पर इसके अलावा अन्य प्रकार के कैंसर बच्चों में नहीं देखे जाते।

ल्यूकीमिया : बोन मैरो और ब्लड कैंसर को ल्यूकीमिया कहते हंै। बच्चों में पाए जाने वाले कैंसर में ल्यूकीमिया 30 फीसदी होता है। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार हैं- जैसे हड्डियों के जोड़ में दर्द, थकान, कमजोरी और त्वचा का पीला पड़ जाना आदि। कीमोथैरेपी इसका एकमात्र इलाज है।

न्यूेरोब्लास्टोमा : कैंसर का यह प्रकार शिशुओं और छोटे बच्चों को होता है। यह शायद ही कभी 10 वर्ष से ज्यादा आयु के बच्चों में देखा गया हो। पेट में सूजन, हड्डी में दर्द और बुखार इसके लक्षण हैं। 

लिम्फोमा : लिम्फोमा के लक्षणों में वजन घटना, बुखार, पसीना और थकान आदि देखने को मिलते हंै। 

ब्रेन एंड अदर सेंट्रल नर्वस सिस्टम ट्यूमर : इसमें सिरदर्द, उल्टी, धुंधला या डबल दिखना, चक्कर आना, चलते समय सहारे की जरूरत पडऩा जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। 

रेटिनोब्लास्टोमा : यह आंखों का कैंसर होता है। आमतौर पर यह दो साल की उम्र के आसपास होता है। लक्षण के तौर पर आंखों में लाल रंग दिखता है तथा आंखों की पुतली अक्सर सफेद या लाल लगती है। 

रैब्डोमायोसरकोमा : कैंसर का यह प्रकार सिर, गर्दन, कमर, पेट, हाथ और पैर के अलावा शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। इस कैंसर के मामले बेहद कम सामने आते हैं। 

बोन कैंसर 
बच्चों में होने वाली बोन कैंसर की बीमारी हड्डियों को प्रभावित करता है। यह शरीर के किसी भी अंग से शुरू होकर हड्डियों में फैलता रहता है। इससे हड्डियों में सूजन और दर्द की समस्या होती है।

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