भागलपुर। बिहार की बोर्ड परीक्षा में फर्जीवाड़े के बाद एक नया मामला सामने आ रहा है। एमडीएम के बाद जिले के स्कूलों में पोशाक राशि के लिए भी गड़बड़ी की जा रही है। 46 स्कूलों ने फर्जी उपस्थिति दिखाकर जिला शिक्षा परियोजना को रिपोर्ट भेजी थी।
जानकारी के अनुसार जीविका के निरीक्षण रिपोर्ट में मामला सामने आने पर शिक्षा परियोजना ने इन स्कूलों के हेडमास्टरों का वेतन स्थगित कर दिया। बुधवार को पांच हेडमास्टरों पर प्रशासनिक कार्रवाई के लिए अनुशंसा भी की गई है। जीविका दीदी ने 708 स्कूलों का निरीक्षण रिपोर्ट जिला शिक्षा परियोजना को सौंपी थी।
रिपोर्ट की समीक्षा के बाद 46 स्कूल के हेडमास्टरों को गड़बड़ी का दोषी पाया। जीविका की रिपोर्ट में बताया गया था कि स्कूल में जितना नामांकन है उससे अधिक की हाजिरी लगी हुई है और इसकी रिपोर्ट भी जिला शिक्षा परियोजना को भेजी गई है। गलत रिपोर्ट भेजने के बाद स्कूलों ने उतनी छात्रों के लिए पोशाक और छात्रवृत्ति की राशि की डिमांड भी कर दी थी।
जीविका रिपोर्ट आने के बाद परियोजना ने इन स्कूलों के हेडमास्टरों ने स्पष्टीकरण पूछा जिसमें उन्होंने सही जवाब नहीं दिया। इसके बाद कार्रवाई करते हुए उनका वेतन स्थगति कर दिया। कितनी फर्जी उपस्थिति दिखाईबिहपुर के प्राथमिक विद्यालय चकप्यार में नामांकन 390 है और उपस्थिति 233 दिखाई थी जबकि 157 बच्चे निरीक्षण में नहीं थे। खरीक के प्राथमिक विद्यालय बिंदटोली राघवपुर में नामांकन 489 है। स्कूल ने पूरी उपस्थिति दिखाई लेकिन 184 बच्चे नहीं पाए गए। मध्यविद्यालय इस्माइलपुर में 704 बच्चे नामांकित हैं। उपस्थिति 537 की दिखाई गई जबकि उपस्थित 82 ही थे।
बिहपुर के ही मध्यविद्यालय सोनबरसा हरिजन टोला में 500 का नामांकन है उपस्थिति 292 की दिखाई लेकिन मौजूद 93 ही थे। नाथनगर के शाहपुर मवि में नामांकित 480 हैं उपस्थिति 293 भेजी गई जबकि निरीक्षण में 187 ही पाए गए। विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा: डीपीओडीपीओ नसीम अहमद ने कहा कि जीविका की रिपोर्ट के बाद हेडमास्टरों का वेतन स्थगित कर दिया गया है। बाकी रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है। पांच पर प्रशासनिक कार्रवाई के लिए डीईओ को लिखा गया है। पोशाक राशि के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होनी चाहिए लेकिन स्कूलों में सिर्फ 27 से 38 प्रतिशत ही उपस्थिति ही रह रही है।