भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अजमेर चौकी की टीम सुबह आठ बजे ही अबेडकर नगर स्थित एईएन ऑफिस पहुंच गई। ठेकेदार मंगलराम जाट भी वहां पर पहुंचा। एईएन सुरेन्द्र कुमार ने ठेकेदार को अपने घर बुलाया। ठेकेदार घर पहुंचा तो एईएन ने वापस उसे कार्यालय बुला लिया। वहां पर एनओसी पर साइन करने के बाद एईएन एनएच आठ स्थित एक्सईएन ऑफिस पहुंचा। वहां पर चक्कर लगाकर वह वापस एईएन ऑफिस जाकर बैठ गया। एक लाख रुपए वरिष्ठसहायक सोलंकी को देने की बात कही। इसके पीछे से वरिष्ठ सहायक नवरतन सोलंकी एक्सईएन ऑफिस पहुंचा। वह वहां पर बनी पानी की टंकी के पास चला गया। ठेकेदार मंगलराम को वहीं बुलाया और एक लाख रुपए लेकर जेब में रख लिए। एसीबी की टीम उसे पकड़ती इससे पहले पीछे के रास्ते से वह अजमेर रवाना हो गया। उसको वहां नहीं देख एसीबी की टीम के हाथ-पांव फूल गए। उन्होंने तुरंत मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की। इसमें मोबाइल अजमेर में होने की जानकारी मिली, एसीबी की टीम अजमेर पहुंचती इससे पहले वरिष्ठ सहायक सोलंकी एक्सईएन ऑफिस वापस पहुंच गया। उसके पहुंचते ही एसीबी की टीम ने उसे पकड़ लिया। टीम ने वरिष्ठ सहायक सोलंकी से राशि बरामद की तो वह 98 हजार रुपए की निकले। उसने बताया कि दो हजार रुपए कागज की रिम लाने के लिए कर्मचारी को दिए है। टीम ने उस कर्मचारी से भी दो हजार रुपए बरामद कर लिए। एसीबी टीम के सदस्य को अलग-अलग तैनात कर रखा था। एईएन कार्यालय, एक्सईएन कार्यालय, आरोपित के वर्धमान नगर स्थित मकान के बाहर सहित हर जगह टीम के सदस्य तैनात रहे।
दो-दो हजार रुपए के नोट लिए
ठेकेदार मंगलाराम जाट से आरोपितों ने रिश्वत के रूप में दो-दो हजार रुपए 50 नोट दिए थे। टीम ने वरिष्ठ सहायक सोलंकी के पास यह नोट बरामद किए।
मकानों और जमीनों के मिले दस्तावेज
एसीबी की टीम में वर्धमान नगर स्थित सुरेन्द्र कुमार के घर को खंगाला। मकान आलीशान बना हुआ है। वहां से खरीदे मकानों के कागजात, महंगे दो पहिया वाहन, जमीन व सोने के जेवरात आदि मिले बताए जा रहे हैं। एसीबी की टीम इसका आकंलन करने में जुटी है। इसी प्रकार वरिष्ठ सहायक नवरतन सोलंकी के मिर्जा वाबड़ी स्थित मकान को खंगाला गया, लेकिन वहां पर कुछ खास मिलने की बात सामने नहीं आई है। एसीबी टीम की कार्रवाई देर शाम तक जारी रही।
कई वर्षो से जमा है एईएन
जलदाय विभाग का एईएन सुरेन्द्रकुमार किशनगढ़ में तैनात है। जानकारों की मानें करीब दस वर्ष पहले जेईएन के रूप में किशनगढ़ में कार्यरत रहे। इसके बाद एईएन बनकर कुछ समय के लिए बाहर चले गए। विधानसभा चुनाव से पहले यहां पर एईएन (सिटी) के रूप में स्थानान्तरण हुआ। तब से यहीं पर कार्यरत है।