भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अजमेर चौकी पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छाव को निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सी.पी.शर्मा के सुपरविजन में कार्रवाई को अंजाम दिया। पुलिस उप अधीक्षक महिपाल ने बताया कि डीएफसीसी प्रोजेक्ट के तहत आजाद नगर से चमड़ा घर तक पाइप लाइन को शि?ट किया गया था। यह कार्य सित?बर 2018 में पूरा हो गया था। डीएफसीसी की ओर से ठेकेदार को भुगतान जारी करने के लिए जलदाय विभाग की एनओसी आवश्यक थी। ठेकेदार परिवादी जाटली निवासी मंगलाराम जाट ने जलदाय विभाग से एनओसी की मांग की। इस पर जलदाय विभाग के एईएन (सहायक अभियंता) सुरेन्द्र कुमार ने एक लाख रुपए की मांग की। ठेकेदार ने एक लाख रुपए पहले उसे दे दिए। इसके बावजूद भी उसने एनओसी जारी नहीं की। ठेकेदार एईएन से वापस जाकर मिला तो उसने वरिष्ठ सहायक नवरतन सोलंकी से मिलने की बात कही। वरिष्ठ सहायक सोलंकी ने एक लाख रुपए ओर देने पर एनओसी देने की बात कही। मंगलराम ने 15 मई को अजमेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अजमेर चौकी को इसकी शिकायत की। एसीबी की टीम ने शिकायत का सत्यापन किया। ठेकेदार मंगलराम 22 मई (बुधवार) को सुबह अ?बेडकर सर्किल के पास एईएन ऑफिस पहुंचा। वहां पर एईएन सुरेन्द्र कुमार ने एनओसी पर साइन कर एक लाख रुपए वरिष्ठ सहायक नवरतन सोलंकी को देने की बात कहते हुए दो लाख रुपए की मांग की। इस दौरान वरिष्ठ सहायक सोलंकी एनएच आठ स्थित जलदाय विभाग अधिशासी अभियंता कार्यालय (एक्सईएन) चले गया। ठेकेदार भी वहां पहुंचा और उसने वरिष्ठसहायक सोलंकी को एक्सईएन कार्यालय परिसर में बन रही पानी की टंकी के पास एक लाख रुपए दिए। वरिष्ठ सहायक के एक लाख रुपए लेते ही एसीबी की टीम अ?बेडकर सर्किल स्थित एईएन कार्यालय से एईएन सुरेन्द्र कुमार को लेकर एक्सईएन ऑफिस पहुंची। टीम ने वरिष्ठ सहायक सोलंकी से एक लाख रुपए बरामद कर लिए। टीम ने दोनों को गिर?तार कर लिया। आरोपितों को गुरुवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
दो हजार रिम लाने को दिए
वरिष्ठ सहायक नवरतन सोलंकी ने रिश्वत की राशि में से दो हजार रुपए कागज की रिम लाने के लिए एक कर्मचारी को दिए। एसीबी की टीम ने उस कर्मचारी से रुपए के बारे में बातचीत की। कर्मचारी को उक्त राशि रिश्वत की होने की जानकारी नहीं थी। एसीबी की टीम ने दो हजार रुपए जब्त कर उसे रिकॉर्ड में ले लिए।