आपके वाहन को रेंगते हुए ही यहां से जाना होगा। यह हालात कोई आज के नहीं हैं। शहर का मुख्य मार्ग बदहाल यातायात का शिकार है। शायद ही कोई ऐसा होगा जो इस हालात से दो चार नहीं हुआ हो।
नो एंट्री में एंट्री शहर में दिन में भारी वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी है। इसके बावजूद निजी बसें, रोडवेज बसें और अन्य भारी वाहन बे-रोकटोक शहर में प्रवेश करते हैं। यातायात बाधित होने का सबसे बढ़ा कारण यही वाहन हैं। एक बार आपके आगे कोई भारी वाहन आ गया तो फिर उसके पीछे पीछे चलना मजबूरी है।
अतिक्रमण की भरमार शहर के मुख्य मार्ग को अतिक्रमियों ने घेर रखा है। सबसे ज्यादा परेशानी जहां तहां खड़े ठेले वालों ने बढ़ाई है। हर 15-20 कदम के फासले पर इन ठेले वालों ने कब्जा जमाया हुआ है। लगता है नगर परिषद की ओर से न तो उनके खड़े होने की कोई जगह तय है और न ही उनको कोई कार्रवाई का भय है।
सफेद लाइन तक पार्किंग शहर में इस मार्ग पर यूं तो कई जगह पार्किंग नहीं करने के बोर्ड लगे हैं लेकिन वो सिर्फ दिखावे के हैं। सड़क के दोनों ओर सफेद लाइन हो रखी है। यह जगह फुटपाथ की तरह पैदल चलने वालों के लिए है, लेकिन हालात इसके उलट हैं। यहां ठेलेवालों, दुकानदारों ने अस्थाई अतिक्रमण किए हुए हैं और जो जगह बची, वहां वाहन पार्क हैं।
दिखता सबको, लेकिन कार्रवाई नहीं मुख्य मार्ग पर अतिक्रमण और इसके कारण अव्यवस्थित होते यातायात की समस्या से कोई भी अनजान नहीं हैं। कई बार भीड़ भाड़ ज्यादा होने पर अचानक से यातायात पुलिसकर्मी वहां कुछ देर को नजर आ जाते हैं लेकिन उसके बाद ढूढे से भी नहीं दिखते। निजी बसें और अन्य भारी वाहन उनके सामने से बेधड़क निकलते हैं लेकिन मजाल है कि कोई उनको रोकता हो।
इस संबंध में किशनगढ़ शहर सीओ गीता चौधरी ने कहा कि रोडवेज व लोक परिवहन की बसों को ही शहर में आने की अनुमति है। यदि ऐसा नहीं हो रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।