दुनिया में अमरीका, इटली और स्पेन समेत अन्य देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते अर्थ व्यवस्था अब तक के सबसे नीचले स्तर पर है। ऐसे में विदेशी आयातित और निर्यात किए जाने वाले मार्बल कोराबार पर आगे भी संकट के बादल इतनी जल्दी छटेंगे इस पर संचय ही रहेगा।
आयातित मार्बल प्रतिदिन 5 करोड़ का नुकसान आयातित मार्बल कारोबार से प्रतिदिन 5 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है और इन 13 दिनों में 65 करोड़ का नुकसान हो चुका है। इसी प्रकार निर्यात मार्बल कारोबार से 30 लाख रुपए प्रतिदिन के आर्थिक नुकसान के अनुसार 3 करोड़ 90 लाख से ज्यादा कारोबार ठप हो गया।
टूल्स कारोबार भी चौपट आयातित टूल्स कारोबार से तकरीबन 35 लाख रुपए प्रतिदिन का कारोबार का नुकसान हो गया और लॉकडाउन अवधि में 4 करोड़ 55 लाख का नुकसान हो चुका है। इस कारोबार से जुड़े ट्रांसपोर्ट एवं अन्य व्यापार भी बर्बाद हो गया।
दुनियाभर में चौपट मार्केट किशनगढ़ मार्बल मंडी में 150 से अधिक फैक्ट्रियों में इम्पोर्टेड मार्बल कारोबार है और 400 उद्यमी सीधे और प्रत्यक्ष रूप से इंम्पोर्टेड मार्बल के आयातित कारोबार एवं स्थानीय मार्बल के निर्यात कारोबार से जुड़े हैं। किशनगढ़ मार्बल मंडी एवं अजमेर जिले की आस-पास की अन्य मार्बल मंडियों और इटली, टर्की, वियतनाम, स्पेन, मिश्र (इजिप्ट) एवं चायना से इम्पोर्टेड मार्बल आयातित किया जाता है, जबकि इन्ही देशों के साथ अमरीका में किशनगढ़ और अजमेर जिले की मार्बल मंडियों से मार्बल का निर्यात भी किया जाता है। इन दिनों कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से मार्बल का दुनियाभर में कारोबार बंद पड़ा है।