scriptkishangrh_प्रतिदिन संक्रमित रोगियों की संख्या बढऩे से मुझे पीड़ा और मन खिन्न है | kishangarh | Patrika News

kishangrh_प्रतिदिन संक्रमित रोगियों की संख्या बढऩे से मुझे पीड़ा और मन खिन्न है

locationकिशनगढ़Published: Mar 27, 2020 01:31:46 pm

Submitted by:

kali charan

अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर ने लिखा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खत

kishangrh_प्रतिदिन संक्रमित रोगियों की संख्या बढऩे से मुझे पीड़ा और मन खिन्न है

kishangrh_प्रतिदिन संक्रमित रोगियों की संख्या बढऩे से मुझे पीड़ा और मन खिन्न है

मदनगंज-किशनगढ़.
अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर ने प्रदेश में कोरोना वायरस को लेकर मौजूदा परिस्थिति को लेकर चिंता जताई है और इस संदर्भ में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खत भी लिखा है। मुनि ने यह खत उदयपुर के पहाड़ा दिगम्बर जैन मन्दिर से लिखा है। मुनि ने सीएम को लिखे खत मेंं कहा है कि आप जिस लगन, साहस और सजगता से कोरोना वायरस से युद्ध कर रहे हैं, वह सब भीतर की करूणा और दया के बिना संभव नहीं है। मैं भी ईश्वर से प्रार्थना कर रहा हू्ं और तब तक करता रहूंगा, जब तक हम सब मिलकर कोरोना वायरस के संक्रमण को हरा न दें। प्रतिदिन संक्रमित रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे मुझे पीड़ा और मन खिन्न है। इसी पीड़ा ने मुझे आपको पत्र लिखने पर मजबूर कर दिया है। मैं एक संत हूं और प्राणी मात्र के प्रति करूणा और दया का भाव रखना मेरा धर्म है। कोरोना वायरस से युद्ध जीतने के दो रास्ते हैं, पहला तो हम अपने आप को घरों में ही बंद रखें और दूसरा रास्ता प्रभु भक्ति। यह तो सब अपने-अपने घरों में कर ही रहे हैं। पहले रास्ते को ध्यान में रखते हुए जनता कफ्र्यू, लॉकडाउन जैसे कदम सरकार ने उठाए, लेकिन अब भी देखा जा रहा है कि लोग अपनी जरूरतों की वस्तुओं की खरीद के लिए दी गई छूट के नाम पर एक साथ घरों से बाहर आ रहे हैं। इससे सोशल डिस्टेंसिंग की पालन नहीं हो पा रही है। हम जब तक ऐसे व्यक्तियों को समझाएंगे, तब तक इस रोग का संक्रमण ज्यादा ना फैल जाए। दूसरी बात आप के आह्वान पर भोजन के पैकेट वितरण के लिए कई संस्थाएं और भामाशाह सामने आए है, लेकिन वितरण की प्रक्रिया को भी सुधारने की आवश्यकता है। ऐसे में मैं कुछ सुझाव देना चाहता हूं।
-सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए लोग बाजार में नहीं आएं। इसके लिए खाद्य साम्रगी का वितरण सशुल्क (केवल तय एमआरपी दर ही पर) घर-घर हो। इसके लिए हेल्प लाइन नम्बर शुरू किया जाए, ताकि लोग उसके माध्यम से जरुरी सामान घर पर ही मंगवा ले और फीजूल में लोग घर से बाहर ना निकले।
-शहर, नगर और गांव के वार्ड मैम्बर का इस कार्य में सहयोग भी लिया जा सकता है। इसके लिए विधायक, सांसद, पार्षद, सरपंच, वार्ड मैम्बर और सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लिया जा सकता है।
-भोजन पैकेट के वितरण का तरीका भी बदला जाना चाहिए। जो भी भामाशाह, संस्थानएं भोजन पैकेट देना चाहते हैं, वह भोजन पैकेट बनाकर एक ही जगह एकत्र किया जाना सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए पुलिस थाना, स्कूल या कॉलेज भवन और ग्राम पंचायत कार्यालय भवन उपयोग में लिए जा सकते है। फिर यहां से नागरिकों को घर-घर वितरण के लिए संबंधित व्यक्ति, जनप्रतिनिधिया या सामाजिक संस्थाओं को अलग अलग क्षेत्र में वितरण की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
-सरकार बार-बार लोगों से मदद की अपील कर रहे हैं तो मैं बताना चाहता हूं कि मैंने पहले भी ट्विटर और समाचार पत्रों को माध्यम से आपको सुझाव दिए थे। मैं आपको आश्वासन देना चाहूंगा कि राजस्थान के दो शहर उदयपुर और किशनगढ़ में काम करने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं। एक बार आप अवसर दें, सन्त के नाते मैं आपको यह विश्वास दिलाता हूं कि आपको निराशा नहीं होगी। कई बार मैंने स्वयं यहां के जिला कलक्टर और उपखंड अधिकारी से फोन पर संपर्क करना चाहा लेकिन नहीं हो पाया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो