लोकतंत्रीकरण की जरुरत है सार्वजनिक मंच
राजस्थान केंद्रीय विवि में ऑनलाइन परिचर्चा कार्यक्रम सम्पन्न
लोकतंत्रीकरण की जरुरत है सार्वजनिक मंच
मदनगंज-किशनगढ़ ञ्च पत्रिका.
राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के संस्कृति एवं मीडिया अध्ययन विभाग ने डॉ. फैज उल्लाह, प्रोफेसर अंजलि मोंटेरो और प्रोफेसर के.पी. जयशंकर की संपादित एवं सेज से प्रकाशित पुस्तक ‘मैनी वॉइसेज मैनी वल्ड्र्सÓ(2021) पर ऑनलाइन परिचर्चा की।
आमंत्रित वक्ता डॉ. फैज उल्लाह ने हाशिए के लोगों के उत्थान में सामुदायिक मीडिया के महत्तवपूर्ण योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि विचार विमर्श के सार्वजानिक मंच के लोकतंत्रीकरण की जरुरत है। यह सामुदायिक मीडिया के संवर्धन से संभव है। प्रोफेसर मोंटेरो और प्रोफेसर जयशंकर ने कहा कि आज के समय में विकास की अवधारणा और सामुदायिक मीडिया को पुनर्परिभाषित करने की आवश्यकता है। उन्होंने पुस्तक के विभिन्न खंड़ों और अध्यायों की रूपरेखा प्रस्तुत की। तीनों वक्ताओं ने सामुदायिक मीडिया जैसे कि वीडियो, रेडियो, रंगमंच, छायाचित्र एवं संचार के अन्य माध्यम विमर्श और विकास में आदिवासी समुदायों, दलितों, मुस्लिमों और महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित करते हैं और उन्हें सशक्त बनाते हैं। संस्कृति एवं मीडिया अध्ययन विभाग के समंवयक डॉ. निकोलस लकड़ा ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। प्राध्यापक अनूप कुमार और नीरू प्रसाद ने क्रमश: पुस्तक एवं संपादकों का परिचय दिया। प्राध्यापक प्रांत प्रतीक पटनायक ने प्रश्नोत्तर सत्र का संचालन और आभार जताया। छात्र प्रतीक कुमार विश्वकर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया। राजस्थान केंद्रीय विवि, अन्य विवि, शैक्षणिक संस्थानों केे विद्यार्थी व शोधार्थी एवं प्राध्यापक कार्यक्रम में शामिल हुए। मीडिया और संचार के क्षेत्र में नवीन शोध और अकादमिक योगदान पर विचार विमर्श के लिए संचालित पुस्तक परिचर्चा श्रृंखला का यह दूसरा कार्यक्रम रहा।
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