जीवन को बनाए खूशबू बिखेरने वाला
आर्यिका विज्ञाश्री ने जैन भवन में दिए प्रवचन
जीवन को बनाए खूशबू बिखेरने वाला
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मदनगंज-किशनगढ़. आर्यिका विज्ञाश्री ने जैन भवन में प्रवचन देते हुए कहा कि मौत से भयभीत वही होता है जो विषय भोगों की धन संपदा को और भोगने की हृदय में इच्छा रखते हैं। लेकिन जो संत वासना भोगों से ऊपर उठ चुके हैं उन्हें मौत भयभीत नहीं कर पाती ऐसे संत ही मौत को भयभीत कर देते हैं। जो मौत को भयभीत करने की हिमत रखते हैं मौजमय जीवन जीने का अधिकार ऐसे ही लोगों को है। कायरों में यह हिमत नहीं होती है। कोई परमात्मा का भक्त ही यह काम कर सकता है। परमात्मा के आशीष से ही जीवन को मौजमय बनाकर खुशबू बिखेरने वाला फूल जैसा बनाया जा सकता है। जीवन कहीं उत्तम लक्षणों का पिंड है जो उन्हें प्रकट करने का साहस करता है । वही परमात्मा को प्यारा लगने लगता है। खाने पीने अच्छे वस्त्र व जेवर पहनने दिखाने में जायदाद संपदा परिवार याति पूजा समान में जिंदगी नहीं है। जिंदगी तो केवल आनंद के स्रोत में है और आनंद का स्रोत तब फूटता है जब हम स्वयं को परमात्मा के चरणों में समर्पित कर देते हैं। हमारे समर्पण में ही परमात्मा से सब कुछ पाने की शक्ति है। समर्पण से ही मौजमय जीवन प्राप्त हो सकता है अहंकार से नहीं। दुनिया हमें मौत दे सकती है मौज नहीं और परमात्मा हमें मौज दे सकते हैं मौत नहीं। हम सभी अपना जीवन मौजमय बनाएं तभी हमारे जीवन की सार्थकता हासिल हो सकती है। चातुर्मास के दौरान जैन भवन में आर्यिका विज्ञाश्री ससंघ के सानिध्य एवम मुनिसुव्रतनाथ पंचायत के तत्वावधान में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। प्रात: 5 बजे से मंगल पाठ, गुरु भक्ति एवं आलाप पद्धति कक्षा, 6 बजे श्री सहस्त्रनाम विधान पूजन में श्रीजी का अभिषेक शांतिधारा के बाद अघ्र्य चढ़ाए गए। 7 बजे पंच स्त्रोत पूजन शुद्धि आदि की कक्षाएं 8 बजे श्रावकाचार एवं प्रवचन 11 बजे शंका समाधान दोपहर 12 बजे सामायिक स्वतंत्र अध्ययन मौन, 3 बजे तत्वार्थ सूत्र कक्षाए, 4 बजे जैन सिद्धांत प्रवेशिका परीक्षामुख कक्षा, सायं 5 बजे से स्वाध्यायए 5.30 बजे तत्व चर्चा, 6 बजे देवासी प्रतिक्रमण, 6 .45 बजे आनंद यात्रा और महाआरती का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।
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