script10 हजार से ज्यादा मजदूरों की देखभाल में जुटी मार्बल एसोसिएशन | Marble association engaged in the care of more than 10 thousand worker | Patrika News
किशनगढ़

10 हजार से ज्यादा मजदूरों की देखभाल में जुटी मार्बल एसोसिएशन

किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन

किशनगढ़Apr 01, 2020 / 01:12 am

Narendra

10 हजार से ज्यादा मजदूरों की देखभाल में जुटी मार्बल एसोसिएशन

10 हजार से ज्यादा मजदूरों की देखभाल में जुटी मार्बल एसोसिएशन

मदनगंज-किशनगढ़ (अजमेर).

देश भर में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बाद से जहां देश के विभिन्न शहरों से लाखों कामगारों का पलायन जारी है, वहीं किशनगढ़ मार्बल मंडी एसोसिएशन ने उत्तरप्रदेश, बिहार और बंगाल के करीब 10 हजार से ज्यादा श्रमिकों के यहीं ठहरने का इंतजाम कर दिया है। एसोसिएशन न केवल इन मजदूरों को डोर टू डोर कच्ची राशन सामग्री पहुंचा रहा है बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
एशिया की सबसे बडी मार्बल मंडी में तकरीबन 25 हजार से ज्यादा मजदूर काम करते हैं। इनमें आधे से ज्यादा होली या उससे पूर्व अपने घर चले गए। लेकिन करीब 10 हजार मजदूर अभी भी यहीं पर है। लॉकडाउन के साथ ही फैक्ट्रियों और गोदामोंं में ठहरे हुए मजदूरों के समक्ष राशन सामग्री की समस्या उत्पन्न हो गई। इस पर मार्बल एसोसिएशन ने यह जिम्मा उठाया और 22 मार्च से ही डोर टू डोर राहत पैकेज के रूप में कच्ची राशन सामग्री के पैकेट पहुंचाने का काम शुरू कर दिया। फैक्ट्री मालिक की सूचना पर एसोसिएशनकर्मियों की टीम मजदूरों को फैक्ट्री या गोदाम में राशन सामग्री पहुंच रही है।
रसद देने के साथ कर रहे जागरूक

अध्यक्ष सुधीर जैन ने लॉकडाउन के पहले ही दिन 22 मार्च से एसोसिएशनकर्मियों की टीम गठित कर डोर टू डोर रसद सामग्री पहुंचाने का जिम्मा सौंप दिया। टीम के सदस्य मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग और बार बार हाथ धोने, मुंह पर मास्क बांधने के लिए जागरुक भी कर रहे हैं। खांसी, जुकाम या अन्य तकलीफ होने पर तत्काल अपने फैक्ट्री मालिक को सूचित करने के लिए कहा जा रहा है।
किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुधीर जैन ने बताया कि मार्बल कारोबार में मजदूर भी परिवार का ही हिस्सा है। जो मजदूर फैक्ट्रियों और गोदामों में रूके हुए हैं, वह किसी प्रकार से बाहर नहीं निकले। राशन सामग्री नहीं होने पर अपने फैक्ट्री मालिक को इत्तला दें। इसके तत्काल बाद सामग्री उनके पास पहुंच जाएगी। कोई भी मजदूर किसी भी रूप से परेशान ना हो। उनके लिए हम सब हमेशा तैयार थे और रहेंगे।

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