निजी पर सती, सरकारी पर मेहरबानी
सरकारी हॉस्पिटलों से निकलने वाले गंदे पानी का नहीं किया जा ट्रीटमेंट50 बेड से अधिक के चिकित्सालय पर होता है यह नियम लागूराजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने जारी किए नोटिस जारी
निजी पर सती, सरकारी पर मेहरबानी
हिमांशु धवल
मदनगंज-किशनगढ़. सरकार की ओर से निजी और सरकारी चिकित्सालयों में दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं। जिले के निजी चिकित्सालयों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट सती से लगवाए जाते है, लेकिन सरकारी में इस पर सती का कहीं असर दिखाई नहीं देता है। जिले के एक भी सरकारी चिकित्सालय में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है। हालांकि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियत्रंण मंडल की ओर से समय-समय पर नोटिस दिए जाते हैं।
जिले में संचालित होने वाले 50 बेड से अधिक के सरकारी और राजकीय चिकित्सालयों के लिए नियमानुसार निकलने वाले गंदे पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाकर साफ किया जाए।इसके बाद उक्त पानी का उपयोग किया जाए। इसके पीछे सरकार की मंशा यह है कि पानी की बचत हो और उसका सदउपयोग भी होगा। इसके बावजूद यह नियम सिर्फ निजी चिकित्सालयों पर लागू हो रहा है। इसके अलावा जिले के एक भी राजकीय चिकित्सालय में एसटीपी सुविधा नहीं है, जिससे गंदे पानी को रिसाइकल कर उसका उपयोग लिया जा सके। यह पानी नालियों में व्यर्थ ही बह रहा है। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से सरकारी चिकित्सालयों में एसटीपी निर्माण के लिए नोटिस दिए जाते है। इसके बावजूद इसका निर्माण नहीं करवाया जा रहा है।
चिकित्सालय में भी नहीं एसटीपी सुविधा
– राजकीय जवाहर लाल नेहरू हॉस्पिटल अजमेर।
– राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय ब्यावर।
– राजकीय यज्ञनारायण चिकित्सालय अजमेर।
– राजकीय चिकित्सालय केकड़ी।
यह होगा फायदा
हॉस्पिटल में हजारों लीटर पानी उपयोग होता है। इसमें से अधिकांश पानी गंदे पानी के रूप में नालियों के माध्यम से बाहर निकलता है। गंदे पानी को एसटीपी के माध्यम से ट्रीट कर उस पानी को उपयोग पुन: किया जा सकता है। इस पानी का उपयोग बागवानी, धुलाई, शौचालय-मूत्रालय सहित कई कामों में लिया जा सकता है।
इनका कहना है…
जिले के सरकारी चिकित्सालयों से निकलने वाले पानी को एसटीपी के माध्यम से ट्रीट नहीं किया जा रहा है। प्लांट लगाने के लिए मंडल की ओर से नोटिस भी जारी किए गए हैं।
– संजय कोठारी, क्षेत्रीय अधिकारी राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल किशनगढ़
राजकीय यज्ञ नारायण चिकित्सालय में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगा हुआ है। इसके बजट के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा हुआ है।
– डॉ. नरेश मित्तल, पीएमओ राजकीय यज्ञ नारायण चिकित्सालय किशनगढ़
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