आत्म कल्याण का पर्व है चातुर्मास
आर.के. कयुनिटी सेंटर में चातुर्मास मंगल कलश स्थापना कार्यक्रम आयोजित
आत्म कल्याण का पर्व है चातुर्मास
मदनगंज-किशनगढ़. मुनिसुव्रतनाथ दिगंबर जैन पंचायत एवं सकल दिगंबर जैन समाज के तत्वावधान में रविवार को आर्यिका विज्ञाश्री संघ का रजतमय चातुर्मास मंगल कलश स्थापना कार्यक्रम धूमधाम से आयोजित किया गया। सिटी रोड स्थित जैन भवन में पंडित अनूप शास्त्री के निर्देशन में मंत्रोच्चार के साथ आर. के. परिवार के कंवर लाल, चतर देवी, महावीर प्रसाद, अशोक कुमार, सुरेश कुमार, विमल कुमार पाटनी ने विधि विधान पूर्वक पूजन करते हुए ध्वजारोहण किया। इस दौरान जैन आर्मी की ओर से 5 तोपों से ध्वज सलामी दी गई। ध्वजारोहण के बाद आर्यिका ससंघ बैंड बाजों के साथ जुलूस रूप में आर. के. कयुनिटी सेंटर पहुंची। यहां पर चातुर्मास मंगल कलश स्थापना का कार्यक्रम आयोजित किया गया। चित्र अनावरण व दीप प्रज्वलन कंवरलाल, महावीर प्रसाद, प्रेम चंद, धर्म चंद, रमेश चंद, मुनिसुव्रतनाथ पंचायत अध्यक्ष विनोद पाटनी, मंत्री सुभाष बडजात्या, आदिनाथ पंचायत अध्यक्ष प्रकाश चंद गंगवाल, मंत्री कैलाश पहाडिय़ा, संजय पापड़ीवाल ने किया। मंगलाचरण रूचि दीदी एवं मंच संचालन संचालन बसंत बैद ने किया। स्वागत गीत रश्मि छाबड़ा एवं भक्ति नृत्य पाŸवनाथ महिला मंडल, चंद्रप्रभु महिला मंडल एवं महावीर महिला मंडल की ओर से प्रस्तुत किया। इसके बाद आचार्य शांति सागर, आचार्य विद्यासागर, आचार्य वर्धमान सागर, विमल सागर एवं विराग सागर को अघ्र्य समर्पित करने के पश्चात नरेंद्र एंड पार्टी के मधुर संगीत पर आर्यिका विज्ञाश्री की भक्ति भाव से नाचते गाते हुए भक्तों ने अष्ट द्रव्यों से पूजन करते हुए अघ्र्य समर्पित किए। सकल दिगंबर जैन समाज की ओर से आर्यिका विज्ञाश्री को श्रीफल भेंट कर चातुर्मास कलश स्थापना के लिए निवेदन किया। इसके पश्चात कलश स्थापना कार्यक्रम में प्रथम कलश सयक दर्शन कंवर लाल धर्म चंद प्रेमचंद सेठी मेड़ता वाले, सयक ज्ञान कलश संजय कुमार पुनीत कुमार पापड़ीवाल, सयक चारित्र कलश महावीर प्रसाद विनोद कुमार कैलाश चंद पाटनी उरसेवा वाले की ओर से स्थापना की गई। किया गया। पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य पदम चंद दिलीप कुमार बडजात्या शास्त्र भेंट राकेश कुमार धूप चंद बडजात्या एवं वस्त्र भेंट करने का सौभाग्य अशोक कुमार रमेश कुमार मित्तल को मिला।
आत्म कल्याण का पर्व चातुर्मास
कार्यक्रम में आर्यिका विज्ञाश्री ने कहा कि चातुर्मास आत्म कल्याण के लिए किया जाता है। बारिश के दौरान उत्पन्न होने वाले असंय जीवों की रक्षा व अहिंसा धर्म के पालन के लिए साधु संत चातुर्मास करते हैं। चातुर्मास में धार्मिक कार्यक्रमों के साथ धर्म की गंगा में व्यक्ति डूबकी लगाकर आत्म कल्याण करते हुए मोक्ष मार्ग पर अग्रसर हो सकता है। जीवन यात्रा दो प्रकाश की होती है अंतरंग और बहीरंग। आत्मा साधना में उतरने वाले साधक कभी-कभी अपनी बाहर की यात्रा को रोक देते हैं। बाहर इस यात्रा को रोकर एक स्थान पर रहकर एक स्थान पर स्व कल्याणक की भावना से स्वाध्याय करने का नाम चातुर्मास है। आर्यिका विज्ञाश्री ने सभी के लिए यह चातुर्मास मंगलमय हो का आशीर्वाद दिया।
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