गांगुली और दास ने कहा कि दोनों परीक्षाओं में अगर कोई छात्र मूल्यांकन मापदंड में शामिल होने का इच्छुक नहीं है तो परीक्षा के लिए हालात सुधरने पर वह परीक्षा में बैठने के लिए आवेदन कर सकता है। अगर कोई छात्र परीक्षा देता है तो उस परिणाम को अंतिम माना जाएगा। इस साल 10.50 लाख और 7.50 लाख से अधिक छात्रों को क्रमश: माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में शामिल होना था।
पर्षद की ओर से बताया गया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निर्देश दिया है कि जुलाई के अंदर ही परीक्षा के नतीजे घोषित किये जायेंगे। इसी के आधार पर प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जायेगी, ताकि समय पर नतीजे घोषित किये जा सके।