फैसले का स्वागत- वामपंथी श्रमिक संगठन सीटू समर्थित बंगाल चटकल मजदूर यूनियन के प्रदेश सचिव तथा पूर्व श्रम मंत्री अनादि साहू ने श्रमिकों का डीए वृद्धि का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि जूट मिलों में डीए को लेकर कोई बड़ी शिकायत नहीं है पर पीएफ, ईएसआई और ग्रेच्यूटी भुगतान को लेकर अस्वच्छता है। सीटू नेता ने कहा कि उनका संगठन जूट श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए करने, लंबे समय से काम कर रहे बदली और स्पेशल बदली स्तर के श्रमिकों को स्थायी करने तथा रिटायर हुए श्रमिकों को यथाशीघ्र ग्रेच्यूटी का भुगतान की मांग करती है।
सरकार करेगी लागू- दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस समर्थित श्रमिक संगठन की नेता तथा राज्यसभा सांसद दोला सेन ने बताया कि जूट श्रमिकों के डीए से संबंधित लेबर ब्यूरो के निर्देशों को राज्य सरकार अक्षरश: लागू करेगी। राज्य सरकार और तृणमूल श्रमिक संगठन जूट श्रमिकों के हित में केंद्र से लड़ रहा है। इधर, जूट मिल मालिक 130 प्वाइंट डीए वृद्धि को बड़ा फैसला मान रहे हैं। मालिकों का कहना है कि उत्पादन और उत्पादकता पर लगाम नहीं है। प्रबंधन पर आर्थिक बोझ और बढ़ जाएगा।