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कोलकाता

KIDNEY TRANSPLANT_ : किडनी ट्रांसप्लांट से मिली 2 मरीजों को नई जिंदगी

नारायणा सुपरस्पेश्यिालिटी हावड़ा ने सफलतापूर्वक किया किडनी ट्रांसप्लांट—-एक को किडनी दी मां ने तो दूसरे को मिली ब्रेन डेड की—-हावड़ा में पहली बार हुआ सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट

कोलकाताAug 20, 2019 / 10:41 pm

Shishir Sharan Rahi

kolkata

KIDNEY TRANSPLANT_ : किडनी ट्रांसप्लांट से मिली 2 मरीजों को नई जिंदगी

कोलकाता. नारायणा सुपरस्पेश्यिालिटी हावड़ा ने सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट कर 2 मरीजों को नई जिंदगी दी है। इनमें से एक को ब्रेन डेड की किडनी तो दूसरे मरीज को उसकी मां ने डोनेट की। दोनों मरीजकिडनी ट्रांसप्लांट के बाद अब स्वस्थ और सकुशल हैं। इसके साथ ही हावड़ा में पहली बार सफल किडनी ट्रांसप्लांट कर नारायणा सुपरस्पेश्यिालिटी ने कीर्तिमान बनाया। किडनी ट्रांसप्लांट की सफलता पर मंगलवार को प्रेस क्लब में नारायणा सुपरस्पेश्यिालिटी की ओर से मीट द प्रेस आयोजित किया गया। कन्सलटेंट नेफ्रोलॉजी डॉ. बिशमय कुमार, डॉ. शर्मिला ठकराल, डॉ. अभय कुमार (कन्सलटेंट यूरोलोजी) और सुभाशीष भट्टाचार्य की मौजूदगी में हुए इस आयोजन में दोनों मरीज भी मौजूद थे। २८ जुलाई को हुए किडनी ट्रांसप्लांट मरीजों में एक बिहार के दरभंगा निवासी जयप्रकाश महतो और दूसरे हावड़ा के आन्दुल निवासी हारून रशीद खान हैं। दोनों ने नारायणा सुपरस्पेश्यिालिटी की बेहतर इलाज व्यवस्था और सेवा की तारीफ कर बताया कि वे खुद को स्वस्थ महसूस कर रहे और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी अब किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। किडनी ट्रांसप्लांट से पहले उन्हें मजबूरी में डायलिसिस करानी पड़ती थी जिससे अब मुक्ति मिली है। ३४ साल के जयप्रकाश ने बताया कि उन्हें २०१५ में पता चला कि किडनी खराब हो गई। मुंबई, पटना सहित अनेक जगहों पर इलाज कराया पर कोई लाभ नहीं हुआ आखिरकार नारायणा सुपरस्पेश्यिालिटी ने उन्हें नई जिंदगी प्रदान की। जयप्रकाश ने कहा कि उनकी मां रमिया देवी (६५) ने अपनी किडनी डोनेट की। इसी तरह हारून को ब्रेन डेड अंजना भौमी की किडनी ट्रांसप्लांट कर जीवन दिया गया। रेडिमेड गार्मेंट्स व्यवसायी हारून (६३) ने कहा कि २०१७ में उनकी किडनी खराब हुई थी।
—-किडनी खराब होने का मुख्य कारण डायबिटीज, हाईबीपी
डॉक्टरों ने आंकड़ों के हवाले से कहा कि हर साल २ लाख के आसपास किडनी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही, पर महज ३.५ हजार ही किडनी ट्रांसप्लांट हो पाता है। समुचित इलाज के अभाव में देश में जबकि केवल ४ परसेंट मरीज ही बच पाते हैं। किडनी खराब होने का सबसे मुख्य कारण डायबिटीज, हाईबीपी है।

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