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कोलकाता

बंगाल में फिर राजनीतिक हिंसा: 3 की मौत

– केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने ममता सरकार से रिपोर्ट तलब की – एक और एडवाइजरी जारी की, पूछा हिंसा पर लगाम लगाने क्या उठाए हैं कदम

कोलकाताJun 15, 2019 / 09:40 pm

Ashutosh Kumar Singh

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बंगाल में फिर राजनीतिक हिंसा: 3 की मौत

कोलकाता

लोकसभा चुनाव नतीजे के बाद से पश्चिम बंगाल में जारी राजनीतिक हत्‍याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य के मुर्शिदाबाद जिले में शुक्रवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के तीन कार्यकर्ताओं की गोली मारकर और बम फेंककर हत्‍या कर दी गई। मारे गए कार्यकर्ताओं में से दो की पहचान खैरुद्दीन शेख और सोहेल राणा के रूप में की गई है। एक टीएमसी कार्यकर्ता की हत्‍या के लिए कांग्रेस और दो की हत्‍या के लिए भाजपा को जिम्‍मेदार ठहराया जा रहा है। दूसरी तरफ केन्दीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक संघर्ष के बीच खूनी हिंसा की बढ़ती वारदातों पर चिंता जाहिर करते हुए ममता बनर्जी सरकार से रिपोर्ट तलब की है। साथ ही ममता सरकार से इसकी जानकारी मांगी है कि बढ़ती हिंसा पर लगाम लगाने के लिए क्या कदम उठाए हैं। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को एक और एडवाइजरी जारी की है।
बताया जा रहा है कि मुर्शिदाबाद में अज्ञात लोगों ने तृणमूल कार्यकर्ताओं खैरुद्दीन शेख और सोहेल राणा के घर के अंदर बम फेंक दिया जिससे उनकी मौत हो गई है। खैरुद्दीन के बेटे मिलान शेख ने कहा कि हम सो रहे थे, तभी अचानक हमारे घर पर बम फेंक दिया गया। उन्‍होंने मेरे पिता को मार दिया। कुछ दिन पहले ही मेरे अंकल की हत्‍या की गई थी। इसके पीछे कांग्रेस है। इस घटना के बाद से इलाके में तनाव है। दो मृतकों के परिजनों ने हत्या के लिए भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों पर आरोप लगाया है। एक मृतक के रिश्तेदार ने कहा कि ये लोग हत्या के एक अन्य मामले में भी दोषी हैं। वे मेरे पीछे पड़े थे क्योंकि मैं उस मामले में गवाह हूं। कल, वे यहां आए और मुझे घर पर नहीं पाकर मेरे चाचा तथा तथा भतीजे की हत्या कर दी। पुलिस ने कहा कि क्षेत्र में छापेमारी की जा रही है लेकिन अब तक कोई गिरफ्तार नहीं हुआ है।
हिंसा गहरी चिंता का विषय-केन्द्र
साल 2016 से 2019 तक चुनाव से संबंधित और राजनीतिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं और इनमें मारे जानेवाले लोगों की संख्या की ओर इशारा करते हुए गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को जारी एक सलाह में कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में बेरोकटोक जारी हिंसा गहरी चिंता का विषय है। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि केंद्र ने पश्चिम बंगाल सरकार से राजनीतिक हिंसा को रोकने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए ऐसी घटनाओं की जांच के लिए उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट मांगी है।

इस साल 26 लोग मारे गए

गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़े के अनुसार पश्चिम बंगाल में 2016 में राजनीतिक हिंसा से जुड़े 509 मामले सामने आए थे। इसके बाद 2018 तक 1035 राजनीतिक हिंसा की घटनाएं देखने को मिली। तीन साल में अभी तक 2300 से अधिक हिंसात्मक घटनाएं हो चुकी हैं। इतना ही नहीं, इन राजनीतिक हिंसाओं में 2016 के दौरान 36 लोगों की जान चली गई थी। 2018 में 96 लोग मारे गए थे, जबकि इस साल 26 लोगों के मारे जाने की खबर है।

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