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कोलकाता

बामर लॉरी का पेट्रोलियम-प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ समझौते पर हस्ताक्षर

समझौते का मुख्य उद्देश्य राजस्व उगाही, आय के स्रोत बढ़ाने, निवेश की वापसी और शोध और विकास को बढ़ावा देना

कोलकाताJun 06, 2019 / 07:11 pm

Shishir Sharan Rahi

kolkata

बामर लॉरी का पेट्रोलियम-प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ समझौते पर हस्ताक्षर

कोलकाता. भारत सरकार के उपक्रम बामर लॉरी एंड कंपनी लिमिटेड ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ २०१९-२० के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। नई दिल्ली में 29 मई को यह समझौता हुआ। समझौते के दौरान पेट्रोलियम-प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव डॉ. एमएम कुट्टी, बामर लॉरी एंड कंपनी लिमिटेड के सी एंड एमडी प्रबल बसु सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य राजस्व उगाही, आय के स्रोत बढ़ाने, निवेश की वापसी और शोध और विकास को बढ़ावा देना है। बामर लॉरी—जहां औद्योगिक पैकेजिंग, बैरल और ड्रम, रसोई गैस के सिलेंडर, ग्रीस और चमड़े के रसायन, कार्यात्मक योज्य और समुद्री माल-वाहक कंटेनरों का निर्माण किया जाता है। यहां चाय का निर्यात और व्यापार, यात्रा, पर्यटन और माल तथा इंजीनियरिंग सेवाओं जैसे ऊर्जा संबंधी लेखा और परामर्श तथा माल-वाहक कंटेनर की मरम्मत जैसी विशाल परियोजनाओं पर भी कार्य किया जाता हैं। बामर लॉरी ने अपना औद्योगिक सफर कोलकाता स्थित मुख्यालय से 1 फऱवरी 1867 को एक साझेदारी कंपनी के रूप में शुरु किया जिसकी स्थापना स्कॉटलैंड के 2 निवासियों जॉर्ज स्टीफेन बामर तथा अलेक्जेंडर लॉरी ने की। चाय से लेकर नौवहन, बीमा, बैंकिंग, ट्रेडिंग, विनिर्माण – शायद ही कोई ऐसा व्यापार होगा जिसमें बामर लॉरी ने अपने प्रारंभिक वर्षों में हाथ नहीं डाला और अपनी उल्लेखनीय औद्योगिक यात्रा के हर मील के पत्थर के साथ और अधिक मजबूत होती गयी। आज, बामर लॉरी अपने संयुक्त उद्यमों के साथ एक बहु-गतिविधि, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-स्थानिक और वैश्विक पदचिन्हों वाले समूह के रूप में उभर कर सामने आई है और विनिर्माण के अनेक क्षेत्रों जैसे औद्योगिक पैकेजिंग, ग्रीज और स्नेहक, चमड़ा रसायन के अतिरिक्त यात्रा और पर्यटन, लॉजिस्टिक्स बुनियादी-सुविधाओं एवं सेवाओं तथा इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी सेवाओं के क्षेत्र में कार्यरत है। सभी व्यावसायिक क्षेत्रों में बाजार में अग्रणी भूमिका हासिल करना, उन्हें मजबूत बनाना और इस प्रकार 2010 तक 2000 करोड़ की कुल बिक्री तथा 200 करोड़ रुपए के कर-पूर्व मुनाफे के आंकड़े को पार करना ही इसका मुख्य लक्ष्य है। अपने चयनित व्यावसायिक क्षेत्रों में बाजार में अग्रणी और वैश्विक पदचिन्हों वाली एक सम्मानजनक औद्योगिक इकाई बनना, जो निरंतर अपने शेयरधारकों के हितों का ध्यान रखने के साथ-साथ पर्यावरण और सामाजिक जिम्मेदारियों का भी पूर्ण रूप से ख्याल रखती है।

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