लोकसभा चुनाव में जादवपुर में क्या हुआ? ममता ने माकपा के डॉ. सुजन चक्रवर्ती को यह नसीहत दी कि वर्तमान समय में उन्हें अपने चरखे में तेल डालने की जरूरत है। इस बात पर वामपंथी विधायक भडक़ उठे और सदन में शोर मचाने लगे। ममता ने कहा कि विपक्षी पार्टियों ने अपने अपने तरीके से इस तरह तृणमूल के खिलाफ कुप्रचार किया था, मानो वे लोग राजनीतिक प्रदूषण के शिकार हो गए।
तृणमूल कांग्रेस के चुनाव नतीजे की समीक्षा माकपा को करने की दरकार नहीं है। राजनीतिक हिंसा और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं की हत्या के आरोपों पर ममता ने कहा कि वाममोर्चा सरकार के अंतिम १० वर्षों के दौरान राज्य में 636 हत्याएं हुई थीं जबकि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 154 लोगों की जानें गईं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह नहीं चाहती कि कोर्ई भी पार्टी हत्या और खून खराबा की राजनीति करे।