जिला पुलिस अधीक्षक आलोक राजोरिया ने कहा कि पोस्टरों की जांच की जा रही है। ये पोस्टर मूड़ाकाटा इलाके में किसने चिपकाए हैं, पोस्टर भाकपा (माओवादी) संगठन के हैं या किसी और ने दहशत फैलाने के लिए संगठन के नाम का इस्तेमाल किया है? इन तमाम बातों की जांच की जा रही है।
इससे पहले ग्वालतोड़ इलाके से पुलिस ने सव्यसाची गोस्वामी (52), संजीव मजूमदार उर्फ असीम, अर्कश्री गोस्वामी उर्फ विजय (23) एवं टीपू सुल्तान उर्फ सपन (23) नामक चार माओवादियों को गिरफ्तार किया था। उत्तर २४ परगना जिले के सोदपुर के एच.बी. टाउन इलाका निवासी सव्यसाची, आगरपाड़ा के कुसुमपल्ली के आर.के.देवपथ रोड निवासी संजीव, दक्षिण कोलकाता के पर्णश्री इलाका निवासी अर्कद्वीप तथा बीरभूम जिले के शांति निकेतन थाना क्षेत्र के पश्चिम पल्ली इलाका निवासी टीपू सुल्तान सभी इलाके में बैठक करने वाले थे। पुलिस को भनक लग गई थी। पुलिस ने उन्हें दबोच लिया था।
वर्ष 2011 में जिले के बूढ़ीसोल जंगल में केन्द्रीय सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में कुख्यात माओवादी नेता कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी के ठेर होने के बाद से पश्चिम मिदनापुर, झाड़ग्राम, पुरुलिया और बांकुड़ा जिले में माओवादियों का संगठन प्राय: ध्वस्त हो गया था। कई माओवादी मुठभेड़ में मारे गए थे। कुछ राज्य छोड़ कर भाग गए थे। बड़ी संख्या में माओवादियों ने समपर्ण कर दिया था। तब से जंगलमहल शांत था। माओवादी गतिविधियां प्राय: न के बराबर दिख रही थीं, लेकिन इधर कुछ दिनों से माओवादी फिर से सक्रिय हो गए हैं।