पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि अगर नामांकन शान्तिपूर्ण होता तो भाजपा के 2 हजार से भी अधिक मुस्लिम उम्मीदवार चुनावी मैदान में होते। बंगाल में भाजपा का जनधार बढ़ा है। राज्य के मुस्लिम भी समझने लगे हैं कि भाजपा सबके विकास में विश्वास करती है। केन्द्र और देश के 20 राज्यों में हमारी या हमारे गठबंधन की सरकारे हैं। सभी राज्यों में मुस्लिम शान्ति से है और उन्हें कोई समस्या नहीं है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी बंगाल में यही रणनीति लागू करेगी। दिलीप घोष ने कहा कि भाजपा ने धर्म के आधार पर किसी को टिकट नहीं दिया है, बल्कि एेसे लोगों को टिकट दिया है जिनमें चुनाव जीतने की क्षमता है।
राज्य में मुस्लिमों की जनसंख्या कुल आबादी का २6 प्रतिशत है।
प्रदेश भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष अली हुसैन ने कहा कि राज्य की मुस्लिम आबादी तक पहुंचना हमारा लक्ष्य है। तृणमूल कांग्रेस और दूसरी पार्टियां भाजपा को अल्पसंख्यकों के दुश्मन के रूप में पेश करने की कोशिश करती रही हैं। लेकिन राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय ने इस बात को स्वीकार किया कि भाजपा उनकी शत्रु नहीं है।
– मुकुल राय की महत्वपूर्ण भूमिका
प्रदेश भाजपा के सूत्रों ने बताया कि भाजपा की ओर से अधिक संख्या में मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिलाने में पार्टी के पंचायत चुनाव कमेटी के चेयरमैन मुकुल राय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है। यही नहीं उन्होंने तृणमूल कांग्रेस और वाम मोर्चा के बागियों को भी भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतारा है।
मुख्यमंत्री पर है मुसलमानों को भरोसा- तृणमूल तूणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि बंगाल के मुसलमानों को मुख्यमंत्री
ममता बनर्जी पर पूरी आस्था है। एक तरफ भाजपा अल्पसंख्यकों को पंचायत चनाव में उम्मीदवार बना रही है और दूसरी ओर राज्य में दंगा फैलाने के प्रयास किए जा रही है।