scriptहाल-ए- सीबीआईः 5 साल में 100 चार्जशीट दाखिल, 210 आरोपी गिरफ्तार, पर 1 भी मामले का निपटारा नहीं | CBI: 100 chargesheets, 210 accused arrested, but not a case is settled | Patrika News
कोलकाता

हाल-ए- सीबीआईः 5 साल में 100 चार्जशीट दाखिल, 210 आरोपी गिरफ्तार, पर 1 भी मामले का निपटारा नहीं

सीबीआई की जांच प्रक्रिया पर उठते सवाल, केन्द्र के इशारे पर काम करने के आरोप

कोलकाताAug 21, 2019 / 09:55 pm

Ashutosh Kumar Singh

हाल-ए- सीबीआईः 5 साल में 100 चार्जशीट दाखिल, 210 आरोपी गिरफ्तार, पर 1 भी मामले का निपटारा नहीं

हाल-ए- सीबीआईः 5 साल में 100 चार्जशीट दाखिल, 210 आरोपी गिरफ्तार, पर 1 भी मामले का निपटारा नहीं

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सीबीआई को चिटफंड घोटाले की जांच करते 5 साल का समय बीत गया। केन्द्रीय जांच एजेन्सी ने 100 से अधिक चार्जशीट दाखिल की। 210 आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन एक भी मामले का निपटारा करने में सफल नहीं हो पाई है। राज्य के एक आला पुलिस अधिकारी का कहना है कि इतना लम्बा समय नहीं लगना चाहिए था। पुलिस अधिकारी का कहना है कि सीबीआई केन्द्र के इशारे पर काम कर रही है। जब हरी झंडी मिलती है, जांच की गति तेज कर दी जाती है। फिर जब धीरे चलने का सिग्रल मिलता है तो धीरे कर देती है। सीबीआई ने वर्ष 2013 में चिटफंड घोटाले की जांच की जिम्मेदारी संभाली थी। शुरू में कुछ महीने के बाद जांच की गति धीमी कर दी गई। वर्ष 2014 से 2016 तक कुछ नहीं किया गया। फिर लोकसभा चुनाव से दो साल पहले से फिर जांच की गति तेज की गई। मामले की जांच को केन्द्र में सत्तारूढ़ पार्टी राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।
तृणमूल कांग्रेस के नेता व सीबीआई के पूर्व संयुक्त निदेशक उपेन विश्वास ने बताया कि मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि सीबीआई एक ही व्यक्ति को बार-बार क्यों बुला रही है। सांसदों, मंत्रियों और नौकरशाहों जैसे प्रभावशाली लोगों को बुलाने से पहले जांचकर्ताओं को अच्छी तरह से तैयार करने की आवश्यकता है। उनके अनुसार प्रभावशाली लोग स्वेच्छा से अपने अपराधों को स्वीकार नहीं करेंगे और जांचकर्ताओं को साक्ष्य के माध्यम से दबाव बनाते रहना होगा। विश्वास का कहना है कि मामले की जांच कर रहे अधिकारियों का जल्दी-जल्दी तबादले ने भी जांच गति को धीमा किया।
हालांकि सीबीआई के अधिकारी उक्त आरोपों से सहमत नहीं है। जांच एजेन्सी के एक वरिष्ठ अधिकारी से इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि यह घोटाला पूर्वी भारत के पांच राज्यों बंगाल, बिहार, झारखंड, असम और ओडिशा में फैला हुआ है। धोखाधड़ी करने वाली कंपनियों की संख्या सैकड़ों में हैं। शिकायत करने वालों की संख्या हजारों में है। ऐसे मामले की जांच में समय लगेगा। सीबीआई अधिकारी ने उन आरोपों से भी इनकार किया कि एजेंसी राजनीतिक एजेंडे पर काम कर रही थी। उन्होंने कहा कि जहां तक लोगों की ग्रिलिंग का सवाल है, हम ऐसा तब करेंगे जब हम उनके खिलाफ सबूत हासिल करेंगे।

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