घटना के संबंध में बताया जाता है कि तेज बुखार व निमोनिया पीडि़त बच्चे को गुरुवार दोपहर परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया। करीब ३ बजे बच्चे ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाकर गाली गलौज और धक्का मुक्की शुरू कर दी। अस्पताल के अधीक्षक के कार्यालय में पहुंचे और व्यापक तोड़ फोड़ की। अधीक्षक के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। अस्पताल के अन्य रोगियों के परिजन भी शामिल हो गए। इनका आरोप था कि अगर सही समय पर बच्चे की चिकित्सा शुरू हो जाती तो उसकी जान बच जाती। पुलिस की टीम पहुंची। हंगामा मचा रहे तीन जनों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। बच्चे की मौत के कई घंटे बाद परिजनों ने उसका शव लिया। चिकित्सकों का कहना है कि बच्चे को अंतिम समय में अस्पताल में लाया गया था। उसे बचाने का प्रयास किया गया।
क्या कहते हैं अधिकारी
हावड़ा अस्पताल में बच्चे की मृत्यु की घटना के बाद परिजनों की शिकायत मिलने पर जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच की रिपोर्ट आने पर ही पता चलेगा कि बच्चे के मौत कैसे हुई। तोड़ फोड़ के मामले में पुलिस से शिकायत की गई है। तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है।
भवानी दास, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, हावड़ा।