चॉकलेट ने मिलाया पिता से बेटे को
– जिसे समझा पागल वह निकला इंजीनियर का छात्र
– बिहार से पहुंच गया बंगाल
कोलकाता . डेढ़ साल से अपने बेटे को खो बैठा परिवार आखिरकार चाकलेट के कारण व कुछ लोगों की मदद से वापस घर लौट गया। मंगलवार को उसके पिता उसे अपने साथ बिहार ले गए। उत्तर २४ परगना के मछलन्दपुर के निकट गांव के चारघाट बाजार में कुछ महीने से गोपाल पागलों की तरह घूम रहा था। उसे देखकर ही लोगों को समझ में आ रहा था कि वह अच्छे घर का लड़का है। वह यहां-वहां घूमता, कोई कुछ दे देता तो खा लेता नहीं तो भूखा सो जाता था। लोग उसका परिचय नहीं जा पाए थे कि जिसे वे पागल समझ रहे हैं वह दिल्ली में इंजीनियर का छात्र रह चुका है। स्थानीय लोगों ने बताया कि किसी ने उसे रुपए दिए थे। वह दस रुपए का नोट लेकर पास के किराने की दुकान में गया, चॉकलेट मांगी। उसने चॉकलेट की पैकिंग जांची और उसकी एक्सपायरी डेट गुजर जाने की बात कहकर चॉकलेट लौटा दी। इतना सुनते ही किराने की दुकान वाले मानस बंद्योपाध्याय सहित आस-पास के लोग चौंक गए। सभी उससे उसका नाम और फोन नम्बर पूछने लगे। उसने अपना नाम गोपाल कुमार वर्मा बताया और फोन नम्बर भी बताया दिया। स्थानीय थाने के सब इंस्पेक्टर तापस घोष ने उसके घरवालों को ढूंढना शुरू किया। तापस घोष ने ही उसके रहने की व्यवस्था की, उनकी देख-रेख में ही रहने लगा। उससे मिले फोन नंबर के आधार पर उसके मामा का पता चला। घरवाले आए और मंगलवार को अपने साथ गोपाल को लेकर चले गए। गोपाल के पिता सुनील वर्मा ने बताया कि हमने तो आशा ही खो दी थी। 20 अगस्त 2016 से ही वह गायब था। वह दिल्ली में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। उसकी परीक्षा थी हम गए तो देखकर समझ गए कि उसकी मानसिक रूप से ठीक नहीं है। घर लेकर आए और इलाज किया पर ठीक नहीं हुआ। रांची ले गए तो वहां बताया कि दवा से ठीक हो जाएगा। ऐसे में उसका घर में ही इलाज चल रहा था। अचानक एक दिन वह घर से बाहर चला गया। इतनी दूर कैसे आ गया। उन्होंने पुलिस तापस घोष व चाकलेट वाले व्यवसायी तथा कपड़े के व्यवसायी का धन्यवाद दिया जिनके कारण वह अपने बच्चे को वापस पा सके।
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