राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्थित भारतीय मजदूर संघ, वामपंथी श्रमिक संगठन सीटू, कांग्रेस समर्थित इंटक समेत कुल पांच श्रमिक यूनियनें कोल इंडिया में प्रभावी है। इन श्रमिक संगठनों ने गुरुवार से तीन दिन की हड़ताल शुरू की है जो शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रही।
हिंद मजदूर संघ समर्थित हिंद खदान मजदूर फेडरेशन के अध्यक्ष नाथूलाल पांडे ने बताया कि शुक्रवार को हड़ताल का रुख और व्यापक हो गया। विभिन्न कारणों के चलते जो श्रमिक-कर्मचारी गुरुवार को इसमें शामिल नहीं हो पाए थे वे भी शुक्रवार को हड़ताल में शामिल हो गए। सीटू समर्थित ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन के डी. डी. रमानंदन ने कहा कि अभी तक हड़ताल के कमजोर पड़ने या उसमें कोई बाधा आने की कोई खबर नहीं है। कर्मचारी शांतिप्रिय तरीके से अपना आंदोलन चला रहे हैं।
इधर, लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कोल इंडिया के निजीकरण और कोल ब्लॉक की नीलामी के संदर्भ में केंद्र सरकार का फैसला गलत समय में उठाया गया कदम है। उन्होंने कहा कि कोरोना से जहां पूरा देश आतंकित है, आपदा के इस दौर में कोल इंडिया के कर्मचारी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।