कोलकाता. माकपा राज्य सचिव डॉ. मिश्र ने पार्टी के एक वर्ग पर भाजपा के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया है। पंचायत चुनाव नतीजों पर जिलावार रिपोर्टों की समीक्षा के क्रम में पार्टी नेताओं को कड़ी चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि पर्दे के पीछे रहकर तृणमूल कांग्रेस के साथ साठगांठ रखने वाले नेता या तो वे पार्टी की मुख्यधारा में रहकर संगठन के काम आएं या फिर पार्टी छोड़ दें। राज्य कमेटी की बैठक के दूसरे व अंतिम दिन शुक्रवार को उन्होंने संगठनात्मक गतिविधियां तेज करने तथा भाजपा और तृणमूल कांग्रेस की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ मुखर होने की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक के बाद राज्य मुख्यालय अलीमुद्दीन स्ट्रीट में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में डॉ. मिश्र ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने हाल में सम्पन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में माकपा का सूपड़ा साफ होने को गंभीरता से लिया है। पंचायत चुनाव नतीजों पर समस्त जिला कमेटियों से प्राप्त रिपोर्ट से स्पष्ट है कि पार्टी के एक वर्ग ने परोक्ष रूप से भाजपा का सहयोग किया है। ऐसा राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को सबक सिखाने के उद्देश्य से किया गया है। पार्टी के जमीनीस्तर के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ऐसी सोच से माकपा को राजनीतिक नुकसान पहुंचा है। डॉ. मिश्र ने इसे आत्मघाती माना है। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में विपक्ष के नाम पर भाजपा को कुछ इलाकों में लाभ मिला है। जबकि वाममोर्चा-कांग्रेस का जनाधार अप्रत्याशित रूप से कम हुआ है।