scriptCrop ruined by rain, farmer commits suicide | बारिश से फसल बर्बाद, किसान ने आत्महत्या की | Patrika News

बारिश से फसल बर्बाद, किसान ने आत्महत्या की

locationकोलकाताPublished: Dec 08, 2021 12:33:27 am

Submitted by:

Rabindra Rai

चक्रवाती तूफान जवाद के असर से भारी बारिश के कारण पश्चिम मिदनापुर और हुगली जिले के आरामबाग उपखण्ड में हजारों हेक्टेयर में फसल नष्ट हो गई और सब्जियां खराब हो गई। पश्चिम मिदनापुर में आलू की फसल बर्बाद होने से आहत एक किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है। किसान भोलानाथ बायन (47) पश्चिम मिदनापुर के चन्द्रकोना थाना इलाके के कुआपुर के धानझाटी गांव का निवासी था।

बारिश से फसल बर्बाद, किसान ने आत्महत्या की
बारिश से फसल बर्बाद, किसान ने आत्महत्या की
पश्चिम मिदनापुर और हुगली जिले में ज्यादा तबाही
खलनायिका बनी बारिश, भारी नुकसान
फसल और सब्जियां डूबने से किसान डूबे कर्ज में

खडग़पुर/हुगली. चक्रवाती तूफान जवाद के असर से भारी बारिश के कारण पश्चिम मिदनापुर और हुगली जिले के आरामबाग उपखण्ड में हजारों हेक्टेयर में फसल नष्ट हो गई और सब्जियां खराब हो गई। पश्चिम मिदनापुर में आलू की फसल बर्बाद होने से आहत एक किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है। किसान भोलानाथ बायन (47) पश्चिम मिदनापुर के चन्द्रकोना थाना इलाके के कुआपुर के धानझाटी गांव का निवासी था। हुगली जिले में ज्यादा तबाही हुई है। बारिश खलनायिका बन गई। फसल और सब्जियां डूबने से कई किसान कर्ज में डूब गए हैं।
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कर्ज लेकर की थी खेती
पश्चिम मिदनापुर के भोलानाथ ने 25 हजार रुपए कर्ज लेकर एक बीघा जमीन पर आलू की खेती की थी। भारी बारिश के कारण फसल पानी में डूबकर बर्बाद हो गई। इससे वह दुखी हो गया। कर्ज चुकाने को लेकर पति पत्नी के बीच झगड़ा हुआ। आहत भोलानाथ ने जहर खा लिया। उसे बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस घटना की जांच कर रही है।
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मेहनत और उम्मीद पर पानी फिरा
हुगली का खानाकुल एक और दो नंबर का इलाका कृषि प्रधान क्षैत्र है। स्थानीय किसानों ने बताया कि इससे पहले इसी वर्ष तीन बार आयी बाढ़ ने फसल को जबर्दस्त नुकसान पहुंचाया था। अब बेमौसम बारिश ने एक बार फिर किसानों की सारी मेहनत और उम्मीदों पर पानी फेर दिया। हजारों हेक्टेयर जमीन पानी में डूब गई। इस बार फसल के साथ सब्जियां भी नष्ट हो गई।
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भविष्य की चिंता सताने लगी
किसानों ने कहा कि पिछली बाढ़ से किसी तरह उबर कर किसानों ने कर्ज लेकर सब्जी की फसल बोई थी, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। किसानों को यह चिंता सता रही है कि उनका भरण पोषण और महाजन का कर्ज कैसे चुकता होगा। पिछले नुकसान का मुआवजा भी नहीं मिला। कृषकों ने कहा कि सरकार ने उनकी मदद नहीं की तो उनके पास आत्महत्या के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचेगा
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सब कुछ नष्ट हो गया
कृषक विकास बाड़ ने बताया कि आभूषण गिरवी रखकर बीज ,खाद इत्यादि खरीदा था। आलू के बीज बोये थे, सब्जियां अंकुरित हो रही थी लेकिन सब कुछ नष्ट हो गया। । खानाकुल नंदनपुर सहित अन्य क्षेत्र में आलू , भिंडी , धनिया , पालक , गोभी , मूली ,टमाटर , खीरा समेत अन्य सब्जियों की फसल घुटने -घुटने पानी में डूबी है।
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