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कोलकाता

West Bengal: चक्रवात से पहले 8 लाख लोगों को सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचाया गया, रात भर सचिवालय से निगरानी करेंगी मुख्यमंत्री

राज्य प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम ने मिलकर राज्य के 14 जिलों में आठ लाख नौ हजार 830 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है…

कोलकाताMay 25, 2021 / 11:40 pm

Ashutosh Kumar Singh

West Bengal: 8 लाख लोगों को सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचाया गया, रात भर सचिवालय से चक्रवाती तूफान पर निगरानी करेंगी मुख्यमंत्री

West Bengal: 8 लाख लोगों को सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचाया गया, रात भर सचिवालय से चक्रवाती तूफान पर निगरानी करेंगी मुख्यमंत्री

कोलकाता
पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास के प्रभाव से बचाने के लिए तटीय क्षेत्रों में रहने वाले आठ लाख लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा दिया गया है। चक्रवात का अलर्ट मिलने के बाद से ही राज्य प्रशासन लगातार युद्ध स्तर पर काम कर रहा है और लोगों को सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर भी इस संबंध में लिखा है। उन्होंने कहा है कि मैंने सभी जिलों के जिलाधिकारियों से बात की है। मैं आज रात सचिवालय में ही रहूंगी और बहुत ही करीब से हालात की निगरानी करूंगी।
राज्य प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम ने मिलकर राज्य के 14 जिलों में आठ लाख नौ हजार 830 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कोलकाता में बनाए गए एक कंट्रोल रूम का भी दौरा किया और वहां ड्यूटी पर तैनात रहने वाले अधिकारियों से बात की है। सचिवालय में भी बनाए गए कंट्रोल रूम का जायजा सीएम ने लिया है। उनके साथ मुख्य सचिव अलापन बनर्जी मौजूद थे।
West Bengal: 8 लाख लोगों को सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचाया गया, रात भर सचिवालय से चक्रवाती तूफान पर निगरानी करेंगी मुख्यमंत्री
चक्रवात यास: सेना ने पश्चिम बंगाल में राहत कार्य के लिये 17 कॉलम तैनात किए

देश के पूर्वी तटीय इलाकों में चक्रवात यास के मद्देनजर सेना ने पश्चिम बंगाल में 17 एकीकृत राहत कॉलम की तैनाती की है जिनमें आवश्यक उपकरण और नाव के साथ विशेषज्ञ कर्मी शामिल हैं।
सेना ने एक बयान में कहा, “अनुरोध के आधार पर पश्चिम बंगाल सरकार के साथ करीबी समन्वय में सेना के इन कॉलम की तैनाती की गई है।”

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि चक्रवात यास के बुधवार सुबह ओडिशा के भद्रक जिले में धामरा बंदरगाह के निकट दस्तक देने की आशंका है और इसकी गति 155 से 165 किलोमीटर तक हो सकती है जो बढ़कर 185 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार तक पहुंच सकती है।
बयान में कहा गया कि सेना के कॉलम फंसे हुए हताहतों को निकालने, चिकित्सा उपचार, सड़क खोलने या पेड़ काटने और राहत सामग्री के वितरण जैसे काम के लिये स्थानीय प्रशासन के जरूरत के मुताबिक काम करने में समर्थ है।
सेना ने कहा, “सेना के यह कॉलम पुरुलिया, झारग्राम, बीरभूम, बर्धमान, पश्चिम मिदनापुर, हावड़ा, हुगली, नादिया, उत्तर और दक्षिण 24 परगना में मौजूद हैं।”

इसमें कहा गया कि पश्चिम बंगाल में जरूरत के मुताबिक कोलकाता में पुन: तैनाती के लिये नौ राहत टुकड़ियों को तैयार रखा गया है और यह अल्प समय में तैनाती के लिये तैयार हैं।
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