‘रोग-शोक से मुक्त जीवन को आध्यात्मिक मार्ग पर प्रशस्त करता है महाकुम्भ’
महाकुंभ के वैज्ञानिक महत्व पर बोले शिवकल्प महायोगी दादाजी
‘रोग-शोक से मुक्त जीवन को आध्यात्मिक मार्ग पर प्रशस्त करता है महाकुम्भ’
कोलकाता. रोग-शोक से मुक्त जीवन को आध्यात्मिक मार्ग पर ले जाने को महाकुम्भ प्रशस्त करता है। हर 12 वर्षों के अन्तराल में होने वाला महाकुम्भ आम व्यक्ति, भक्त को अध्यामित्कता के मार्ग पर निरंतर प्रशस्त रहने की प्रेरणा देता है और साथ ही सम्पूर्ण वातावरण को अध्यामिकता के भाव में सराबोर करता है। कुम्भ स्नान का बड़ा वैज्ञानिक कारण यह है कि इस समय तीनों नदियों में बहने वाला जल गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम अत्यधिक औषधीय और आध्यात्मिक रूप से भरपूर रहता है। शिवकल्प महायोगी दादाजी महाराज ने साप्ताहिक सत्संग के दौरान महाकुंभ के आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व, आधार के बारे में व्यक्त करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के दौरान कुछ विशेष दिनों में पवित्र स्नान करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इन विशेष-विशेष समय ग्रह-नक्षत्र के संयोजन से वह दिन व संयोग इतना शक्तिशाली होता है कि उस वक्त स्नान से न केवल पिछले जन्मों के प्रारब्ध से छुटकारा मिलता है बल्कि काया, देह निरोग हो अध्यात्मिक मार्ग पर निरंतर प्रशस्त करता है। महाकुम्भ के आध्यात्मिक रहस्य के बारे में उन्होंने जानकारी दी। जब भी हम महाकुंभ या पूर्ण-कुंभ शब्द के बारे में सोचते हैं हमारे अवचेतन मन में आने वाली पहली तस्वीर उच्चतम आध्यात्मिक, पवित्र नदियों के संगम है की उभरती है, जहां करोड़ों भक्त खुद को आध्यात्मिकता के सागर में सराबोर कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में प्रत्येक 12 वर्षों के अंतराल बाद होने वाले इस महाकुंभ में सबसे अधिक मंत्रमुग्ध करने वाला दृश्य एक ही स्थान पर लाखों महायोगियों और संतों के जमावड़े को देखना होता है।
Home / Kolkata / ‘रोग-शोक से मुक्त जीवन को आध्यात्मिक मार्ग पर प्रशस्त करता है महाकुम्भ’