5 साल पहले भी हुआ था विस्फोट स्थानीय सूत्रों ने बताया कि हिमांशु पाल के कारखाने में 5 साल पहले भी विस्फोट हुआ था। वो हादसे से बाद बाल बच गए थे। उसके बाद पुलिस ने उस कारखाने को अवैध रूप में चिन्हित कर दिया था। बाद में हिमांशु पाल को कारखाने चलाने का लाईसेंस मिल गया और पटाखा कारखाना चलने लगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि दीपावली के लिए पटाखे तैयार करने का काम जोरों पर चल रहा था। कारखाने में अधिक मात्रा में पटाखा बनाने के लिए कच्चा माल रखा था। किसी असावधानी के कारण ही घटना घट गई।