सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले कृष्ण चंद दत्त उर्फ केष्टो का नाम फाटा कैसे पड़ा इसे लेकर कई बातें सामने आती हैं। कोई कहता है कि जानलेवा हमले में उनके शरीर पर कई जगह कट लगा था इसलिए उनका नाम फाटा हो गया तो कोई कहता है कि पुलिस के हमले में लगी चोट के बाद उनका नाम फाटा पड़ा। वहीं १९९२ में फाटा केष्टो की मौत के बाद नवयुवक संघ के आर्गनाइजिंग सेके्रटरी का दायित्व संभाल रहे प्रबंध राय उर्फ फेंटा के मुताबिक केष्टो दादा को चेचक निकली थी, इसलिए उनके चेहरे पर दाग हो गए थे, इसलिए उनके लंगोटिया दोस्त उन्हें फाटा केष्टो बुलाने लगे थे।
फाटा केष्टो के काली पूजा से जुड़ी कई कहानियां अभी भी सुनी जाती हैं। पूजा को भव्य बनाने के लिए उनके चंदा वसूलने का तरीका अभिनव हुआ करता था। कहा जाता है कि ना नुकुर करने वालों की रसीद पर हर दिन एक नया जीरो जोडक़र उनपर दबाव बनाने में सफल हो जाते थे।
नवयुवक संघ की पूजा का उद्घाटन करने के लिए इस बार पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी आए। वहीं संगीतकार बप्पी लाहड़ी ने भी इस साल फाटा केष्टो की काली मां के दर्शन किए हैं।