चिकित्सकों के दावे के बाद बेशक राज्य सरकार राहत की सांस ले रही है, लेकिन मेडिकल वेस्ट को लेकर प्रशासन, नगर निगम व स्थानीय अस्पताल की भूमिका सवालों के घेरे में हैं। इस घटना के लिए जिम्मेदार कौन है ? कोर्ट के निर्देशानुसार मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंकना दण्डनीय अपराध है। ऐसा करते पकड़े जाने पर या जांच में दोषी पाए जाने पर उस व्यक्ति व अस्पताल पर भारी जुर्माना का प्रावधान है। जुर्माना न भरने पर कड़ी सजा हो सकती है।
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-सुर्खियों में रही खबर
नामी बिल्ंिडग निर्माण कंपनी द्वारा प्रमोटिंग के लिए हरिदेवपुर (२१४ नम्बर, राजा राम मोहन राय रोड) में ली गई ७२ कट्ठा जमीन की सफाई का काम रविवार को चल रहा था। सफाई करने के दौरान १ सफाईकर्मी की नजर प्लास्टिक पैकेट पर पड़ी। कौतूहल वश उसने पैकेट खोल कर देखा ,उससे बदबू आ रही थी। पैकेट में क्या था ? समूचे महानगर में आग की तरह खबर फैल गई। खबर पाकर हरिदेवपुर थाना, स्थानीय पार्षद, कोलकाता नगर निगम के मेयर शोभन चटर्जी और कोलकाता पुलिस के आयुक्त राजीव कुमार मौके के पहुंचे तथा घटना स्थल का जायजा लिया।
— जितनी मुंह उतनी बातें इस घटना के संबंध में जितनी मुंह उतनी बातें सुनने को मिली। स्थानीय लोगों का आरोप है कि खाली जमीन पर शाम ढलते ही असमाजिक तत्वों का जमावड़ा हो जाता है। जमीन के आसपास स्ट्रीट लाइट न होने की वजह से पूरा इलाका अंधेरे में होता है। रात में यहां कौन आता है कौन जाता है? इसका पता नहीं चल पाता। इसकी शिकायच प्रशासन से की गई है। लेकिन प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया।