हॉकर राजेन्द्र साव के मुताबिक उन्होंने हॉकरी करते समय न जाने कितनी तकलीफें झेली हैं। कभी पुलिस के डंडे तो कभी रैफ की लाठी तक खाई है। स्टेशन के आस पास दुकान लगाने पर कई बार स्थानीय नेताओं के कोपभाजन का भी शिकार हुए हैं।बुढ़ापे में कहां जाएं। कुछ समझ में नहीं आ रहा है। आरपीएफ व हावड़ा सिटी पुलिस अपने अपने इलाके से खदेड़ देती है। इस तरह की आप बीती राजू, उमंग जैसे कई ह़ॉकरों ने बताई।
रेलवे हॉकर्स कांग्रेस हावड़ा स्टेशन प्लेटफार्म के महासचिव सूरज सोनकर ने कहा कि 25 दिन से हॉकरों को प्लेटफार्म पर हॉकरी नहीं करने दी जा रही है। आरपीएफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। जिन हॉकरों ने अपने जीवन का 40 साल इस स्टेशन पर गुजार दिया वे अब कहां जाएंगे। इस कार्रवाई से 400-500 हॉकर भुखमरी की कगार पर हैं।
रेलवे हॉकर्स कांग्रेस हावड़ा स्टेशन प्लेटफार्म के महासचिव सूरज सोनकर ने कहा कि 25 दिन से हॉकरों को प्लेटफार्म पर हॉकरी नहीं करने दी जा रही है। आरपीएफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। जिन हॉकरों ने अपने जीवन का 40 साल इस स्टेशन पर गुजार दिया वे अब कहां जाएंगे। इस कार्रवाई से 400-500 हॉकर भुखमरी की कगार पर हैं।
हावड़ा स्टेशन एरिया हॉकर ऑर्गनाईजेशन (तृणमूल समर्थित)के सहसचिव सुदेश्वर चौहान बताया कि एेसे बहुत से हॉकर हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन स्टेशन इलाके में हॉकरी की, वे अब इस उम्र में कहां जाएंगे। आरपीएफ अत्याचार कर रही है। हॉकरों के बारे में रेलवे व स्थानीय प्रशासन को सोचना चाहिए।
इनका कहना है
इनका कहना है
हावड़ा स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरी है। स्टेशन के अंदर यात्रियों की सुविधा के लिए ही हॉकरों को हटा दिया गया है। दैनिक यात्रियों से लेकर आम यात्रियों से हॉकरों के खिलाफ लगातार शिकायत मिलती थीं।
सतीश सहाय, हावड़ा स्टेशन नार्थ पोस्ट निरीक्षक, रेलवे सुरक्षा बल।
सतीश सहाय, हावड़ा स्टेशन नार्थ पोस्ट निरीक्षक, रेलवे सुरक्षा बल।