भाजपा नेता राहुल सिन्हा की ओर से तृणमूल कांग्रेस पर राज्य चुनाव आयुक्त को जान से मारने की धमकी देने के का आरोप लगाने के दूसरे दिन सफाई देने के लिए सोमवार को खुद आयुक्त मीडिया के सामने आए। पंचायत चुनाव प्रकरण पर पिछले करीब सवा महीने बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकी देने का आरोप झूठा, बेबुनियाद और मनगढ़ंत है। एक राजनीतिक पार्टी ने संवाददाता सम्मेलन कर आरोप लगाया था कि तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। लेकिन वे यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि उन्हें तृणमूल कांग्रेस या उसके किसी नेता विशेष ने उन्हें जान से मारने की धमकी नहीं दी हैं। उन्हें किसी भी राजनीतिक दल से जान से मारने की धमकी नहीं मिली है।
इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की ओर से अपना मोबाईल फोन और लैण्ड लाईन फोन टेप करने और उनके और विपक्षी दलों के वार्तालाप की रिकॉर्डिंग के आरोप को भी सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके फोन टेपिंग का आरोप झूठा है।
इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की ओर से अपना मोबाईल फोन और लैण्ड लाईन फोन टेप करने और उनके और विपक्षी दलों के वार्तालाप की रिकॉर्डिंग के आरोप को भी सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके फोन टेपिंग का आरोप झूठा है।
उन्होंने भाजपा नेता सिन्हा पर किसी तरह की कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को अपने जुबान पर लगाम नहीं रहता है और वे कुछ भी बोल जाते हैं। अभी तक उन्होंने आरोप लगाने वाले पर कार्रवाई करने का फैसला नहीं किया है।