उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि पुलिस ने सड़े और मृत पशुओं के मीट रैकेट का पर्दाफाश किया है और इसमें लिप्त आरोपियों की धर पकड़ कर रही है। यह रैकेट सिर्फ बंगाल तक सीमित नहीं है। इसके तार देश के दूसरे राज्यों से भी जुड़े हैं। पूरे मामले की जांच के लिए आठ सदस्यों वाली उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा। इसके चेयरमैन राज्य के मुख्य सचिव मलय दे होंगे। राज्य सचिवालय नवान्न में प्रशासनिक बैठक करने के बाद ममता संवाददाताओं को संबोधित कर रही थीं। पुंचायत चुनाव को लेकर राज्य में आचार संहिता लागू होने के कारण प्रशासनिक बैठक में मंत्रियों ने हिस्सा नहीं लिया। बैठक में सिर्फ राज्य के विभिन्न विभागों के आला अधिकारी उपस्थित थे।
रैकेट को जड़ से करेंगे खत्म कमेटी सड़े और मृत पशुओं के मीट रैकेट की जांच करने के साथ ही इसके सफाये के लिए काम करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मीट रैकेट के खुलासे के बाद से लोगों ने डर से मीट खाना छोड़ दिया है। सरकार पूरे मामले पर नजर रखी हुई है। ऐसे रैकेट को जड़ से समाप्त करने के लिए पूरी योजना तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव के अलावा कमेटी में राज्य के गृह सचिव अत्री भट्टाचार्य, पुलिस महानिदेशक सुरजीतकर पुरकायस्थ, कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार, स्वास्थ्य, नगरपालिका, पशुपालन, खाद्य आपूर्ति और पंचायत सचिव भी इस कमेटी में शामिल होंगे।
एसआईटी कर रही जांच
एसआईटी कर रही जांच
अब तक मीट रैकेट की जांच डायमंड हार्बर पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रही है। दक्षिण 24 परगना जिले के डायमण्ड हार्बर थाने की पुलिस ने गत 20 अप्रेल को सड़े और मृत पशुओं के मीट आपूर्ति के रैकेट का पर्दाफाश किया और एसआईटी गठन कर मामले की जांच और धर-पकड़ शुरू की। एसआईटी ने अब तक इस रैकेट में लिप्त 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। रैकेट में एक माकपा नेता भी शामिल है। रैकेट का सरगना कौसर अली ढाली अब भी फरार है।