पार्षद मीना देवी पुरोहित ने पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद पत्रिका से बातचीत में उन्हें सच्चा देशभक्त बताते हुए कहा कि समय के वे बेहद पाबंद थे। इतने ऊंचे शिखर पर होकर भी अभिमान से कोसों दूर रहे ऐसी विरली हस्तियां सदियों में ही धरती पर अवतरित होती हैं। उन्होंने जमीनी स्तर पर समाज के हर क्षेत्र में अहम योगदान दिया। इसे सदियों सदियों तक भूलाया नहीं जा सकता। शायदही कोई ऐसा क्षेत्र हो, जिसमें उनका योगदान न रहा। चाहे शिक्षा हो, धर्म, विज्ञान, स्वास्थ्य, मंदिर, धर्मशाला, स्कूल-कॉलेज या अन्य।
सीए विनोद अग्रवाल ने पुष्पांजलि अर्पित कर कहा कि विरल प्रतिभा के धनी बसंत कुमार बिड़ला का धर्म-शिक्षा, कला-संगीत, साहित्य के विकास में अहम योगदान आने वाली पीढिय़ों को मील का पत्थर के समान मार्ग दर्शन करता रहेगा। कला मंदिर, बिड़ला आर्ट गैलरी सहित अनेक धर्मशालाओं-मंदिरों के माध्यम से उनकी कीर्ति जनमानस के दिल में अमर रहेगी। महिला शिक्षा को बढ़ावा देने में उनके अनुपम योगदान की गौरवशाली गाथा है। उन्होंने पत्रिका से बातचीत के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि 40 वर्षो से बिडला समूह में काम करने के दौरान अनेकों बार बीके बिड़ला के संपर्क में आने का मौका मिला। हंसमुख मिजाज और आत्मीयता से बात करना बीके बिडला के चरित्र का सबसे उज्जवल पक्ष था। अग्रवाल ने कहा कि विनोद पॉजिटिव फाउण्डेशन के रजत जयंती कार्यक्रम में बसंत बाबू का उनकी पत्नी सरला बिड़ला के साथ उपस्थित होना उनकी सादगी—सरलता को दर्शाता है।