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LAST JOURNEY OF BK BIRLA: नम आंखों से हजारों लोगों ने दी बीके बिड़ला को अंतिम विदाई

LAST JOURNEY OF BK BIRLA: huge gatherings of prople arrived at birla park,kolkata: दादा के पार्थिव शरीर को बार-बार निहारते और आंसू रोकते नजर आए कुमारमंगलम- परिजनों के अलावा अनेक मशहूर उद्योगपति-समाजसेवियों ने अर्पित की पुष्पांजलि

कोलकाताJul 04, 2019 / 10:22 pm

Shishir Sharan Rahi

kolkata

LAST JOURNEY OF BK BIRLA: नम आंखों से हजारों लोगों ने दी बीके बिड़ला को अंतिम विदाई

कोलकाता. मशहूर दिग्गज उद्योगपति के साथ-साथ दान-पुण्य में अहम योगदान देने वाले बसंत कुमार बिड़ला के अंतिम दर्शन के लिए बिड़ला पार्क (उनके निवास) में गुरुवार को हजारों लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर नम आंखों से अंतिम विदाई दी। बीके बाबू के पोते कुमारमंगलम बिड़ला अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने दादा के पार्थिव शरीर को बार-बार निहारते और अपनी आंखों से आंसू रोकते नजर आए। इस दौरान उनके परिजनों के अलावा अनेक मशहूर उद्योगपति-समाजसेवी और समाज के हर वर्ग के गणमान्यजन मौजूद थे। इनमें उनके परिवार की राजश्री बिड़ला (बहू), दोनों पुत्री जयश्री मोहता, मंजूश्री खेतान सहित सीके बिड़ला, एसके बिड़ला, प्रकाश मोहता (दामाद)
भी मौजूद थे।
—–सच्चे देशभक्त, शिखर पर होकर भी अभिमान से कोसों दूर
पार्षद मीना देवी पुरोहित ने पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद पत्रिका से बातचीत में उन्हें सच्चा देशभक्त बताते हुए कहा कि समय के वे बेहद पाबंद थे। इतने ऊंचे शिखर पर होकर भी अभिमान से कोसों दूर रहे ऐसी विरली हस्तियां सदियों में ही धरती पर अवतरित होती हैं। उन्होंने जमीनी स्तर पर समाज के हर क्षेत्र में अहम योगदान दिया। इसे सदियों सदियों तक भूलाया नहीं जा सकता। शायदही कोई ऐसा क्षेत्र हो, जिसमें उनका योगदान न रहा। चाहे शिक्षा हो, धर्म, विज्ञान, स्वास्थ्य, मंदिर, धर्मशाला, स्कूल-कॉलेज या अन्य।
—-जनमानस के दिल में अमर रहेगी कीर्ति
सीए विनोद अग्रवाल ने पुष्पांजलि अर्पित कर कहा कि विरल प्रतिभा के धनी बसंत कुमार बिड़ला का धर्म-शिक्षा, कला-संगीत, साहित्य के विकास में अहम योगदान आने वाली पीढिय़ों को मील का पत्थर के समान मार्ग दर्शन करता रहेगा। कला मंदिर, बिड़ला आर्ट गैलरी सहित अनेक धर्मशालाओं-मंदिरों के माध्यम से उनकी कीर्ति जनमानस के दिल में अमर रहेगी। महिला शिक्षा को बढ़ावा देने में उनके अनुपम योगदान की गौरवशाली गाथा है। उन्होंने पत्रिका से बातचीत के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि 40 वर्षो से बिडला समूह में काम करने के दौरान अनेकों बार बीके बिड़ला के संपर्क में आने का मौका मिला। हंसमुख मिजाज और आत्मीयता से बात करना बीके बिडला के चरित्र का सबसे उज्जवल पक्ष था। अग्रवाल ने कहा कि विनोद पॉजिटिव फाउण्डेशन के रजत जयंती कार्यक्रम में बसंत बाबू का उनकी पत्नी सरला बिड़ला के साथ उपस्थित होना उनकी सादगी—सरलता को दर्शाता है।

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