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कोलकाता

पश्चिम बंगाल में रैलियों में भीड़ से संक्रमण बढ़ा: विशेषज्ञ

लम्बे चुनावी अभियान से ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़े मामले

कोलकाताMay 17, 2021 / 06:34 pm

Ram Naresh Gautam

पश्चिम बंगाल में रैलियों में भीड़ से संक्रमण बढ़ा: विशेषज्ञ

पश्चिम बंगाल में रैलियों में भीड़ से संक्रमण बढ़ा: विशेषज्ञ

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण का ग्राफ तेजी से ऊपर जा रहा है। संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच विशेषज्ञों ने ग्रामीण क्षेत्रों को लेकर बड़ा खुलासा किया है।

उनका मानना है कि लम्बा चुनाव अभियान पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि की वजह बना है और इस साल 26 फरवरी को विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद से गत शनिवार तक कोलकाता को छोड़कर दूसरे जिलों में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 48 गुना अधिक तक की वृद्धि हुई है।
अधिकतर चिकित्सा पेशेवरों का कहना है कि चुनाव रैलियों में भारी भीड़ के चलते कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है।

40 गुना अधिक हो गई संक्रमितों की संख्या- निर्वाचन आयोग ने 26 फरवरी को जब चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी तो उस समय पश्चिम बंगाल में उपचाराधीन मरीजों की संख्या केवल 3,343 थी जो कल शनिवार तक के आंकड़ों के अनुसार अब लगभग 40 गुना अधिक 1.32 लाख हो गई है।
कोलकता को छोड़कर दूसरे जिलों में वायरस का प्रसार काफी तेजी से हुआ है जहां 26 फरवरी को उपचाराधीन मरीजों की संख्या केवल 2,183 थी जो 15 मई तक 48 गुना बढ़कर 1.06 लाख हो गई।
वैक्सीन में इनको मिलेगी प्राथमिकता
बढ़ते मामलों के मद्देनजर राज्य सरकार ने सार्वजनिक रूप से लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों को प्राथमिकता के तौर पर वैक्सीन देने का फैसला किया है।

इसके तहत राज्य सरकार कोविड-19 स्वयंसेवकों, टैक्सी और ऑटो चालकों, रिक्शा चालकों, यौनकर्मियों और ट्रांसजेंडरों के अलावा सब्जी विक्रेताओं, फेरीवालों और पत्रकारों को वैक्सीन देगी।
राज्य सरकार उपलब्ध टीके का सावधानी से इस्तेमाल करना चाहती है। जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जो सार्वजनिक रूप से संक्रमित होने का जोखिम उठा कर काम कर रहे हैं, उनको तथा फेरीवाले, सब्जी के खुदरा विक्रेता, किराना विक्रेता, सेक्स वर्कर और ट्रांसजेंडर, टैक्सी और ऑटो चालक सहित परिवहन कर्मचारियों और रिक्शा चालकों, वकील, कानून क्लर्क और कोर्ट में काम करने वाले लोग प्राथमिकता सूची में शामिल हैं।

राजनीतिक कारणों से बढ़ा कोरोना
वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ डॉक्टर अमिताव नंदी ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि लंबी चुनावी प्रक्रिया ग्रामीण बंगाल में महामारी के मामलों में वृद्धि की वजह बनी है।
कारण कुछ और नहीं, सिर्फ राजनीतिक और राजनीतिक है। राज्य में विधानसभा चुनाव आठ चरणों में 27 मार्च से 29 अप्रेल तक हुआ था।

सामुदायिक औषधि विशेषज्ञ डॉक्टर संजीब बंद्योपाध्याय ने कहा कि आठ चरणों में अवैज्ञानिक तरीके से चुनाव कराना महामारी के मामलों में वृद्धि का कारण है।

स्वास्थ्य सचिव को सौंपी जिम्मेदारी
अधिसूचना में इस तरह के श्रेणीबद्ध तरीके से डाटाबेस तैयार करने और टीकाकरण के लिए साइट की व्यवस्था करने के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय करने की जिम्मेदारी राज्य के स्वास्थ्य सचिव को सौंपी गई है।
उल्लेखनीय है कि दो मई को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की कि आबादी के कुछ वर्गों जैसे परिवहन कर्मचारियों और पत्रकारों को प्राथमिकता के आधार पर टीके लगाए जाएंगे। राज्य सरकार की जारी अधिसूचना के आधार पर काम शुरू कर दिया गया है।

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