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कोलकाता

जहां बाबुल सुप्रियो पर हुआ हमला, राज्यपाल को घेरा वह विश्वविद्यालय है चरम वामपंथियों का गढ़

Urban Naxal कहिए या Maoist या Ultra left Kolkata के Jadavpur विश्वविद्यालय के कई छात्र छात्राओं पर इन राष्ट्रविरोधी तत्वों के साथ गलबहियां करने के आरोप सामने आए हैं। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक विश्वविद्यालय के कई वरिष्ठ शिक्षकों की शह पर लाल का आतंक सारे देश में पहुंचाया जा रहा है।

कोलकाताSep 19, 2019 / 09:23 pm

Paritosh Dube

जहां बाबुल सुप्रियो पर हुआ हमला, राज्यपाल को घेरा वह विश्वविद्यालय है चरम वामपंथियों का गढ़

जहां बाबुल सुप्रियो पर हुआ हमला, राज्यपाल को घेरा वह विश्वविद्यालय है चरम वामपंथियों का गढ़

कोलकाता. महानगर कोलकाता (Kolkata) का जादवपुर (Jadavpur) विश्वविद्यालय एक बार फिर चर्चा में है। इस बार यहां केन्द्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो पर हमला हुआ है। उन्हें घंटों से बंधक बनाकर रखा गया। राज्यपाल जगदीप धनखड़ उन्हें रिहा करने गए तो उन्हें भी घेर कर रखा गया। विवि के कुलपति इन सब घटनाक्रम के बीच बीमार हो गए। विवि में छात्र संगठन एसएफआइ के कार्यालय में तोडफ़ोड़ हो गई है। अभाविप के कथित समर्थक विवि को चारों ओर से घेरे हुए हैं। पुलिस भी तैनात है। कुलपति ने पुलिस कार्रवाई की अनुमति देने से इंकार कर दिया है।
किस लिए इतना विवाद। दरअसल गुरुवार को केन्द्रीय मंत्री एक व्याख्यान में हिस्सा लेने विवि पहुंचे। वामपंथी छात्र संगठनों ने इसका विरोध किया। नारेबाजी की, इसी बीच बाबुल सुप्रियो पर हमला हुआ।
जहां बाबुल सुप्रियो पर हुआ हमला, राज्यपाल को घेरा वह विश्वविद्यालय है चरम वामपंथियों का गढ़
https://twitter.com/SuPriyoBabul?ref_src=twsrc%5Etfw
विवि में लेफ्ट ही है लेफ्ट का विकल्प
विवि में वाम छात्र राजनीति के इतने चेहरे और चरित्र हैं कोई भी भ्रम में आ जाए। कोई खुद को एसएफआइ यानि माकपा के छात्र संगठन से जुड़ा बताता है तो कोई सीपीआईएमएल के छात्र संगठन आइसा से, कोई एसयूसी के डीएसएफ का झंडा उठाता है तो कोई माओवादी समर्थक यूएसडीएफ व रेडिकल का समर्थक है। यह सभी छात्र संगठन कभी एक होकर तो कभी अलग अलग दिखाई देते हैं।
राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस का छात्र संगठन टीएमसीपी विवि में पैठ जमाने का लंबे समय से प्रयास कर रहा है लेकिन उसे अब तक आपेक्षित सफलता नहीं मिली है।
वहीं भारतीय जनता पार्टी समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी जादवपुर विवि में पिछले कुछ वर्षों से सक्रियता बढ़ाई है। लेकिन उसे यहां वाम छात्र संगठन पैर पसारने की जगह नहीं दे रहे हैं।
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अर्बन नक्सलों का गढ़
खुफिया विभाग से जुड़े रहे एक सेवानिवृत्त अधिकारी के मुताबिक विवि अर्बन नक्सलों का गढ़ है। यहां के कई वरिष्ठ शिक्षकों के चरम वामपंथियों से संपर्क रखने और उनकी विचारधारा को प्रोत्साहित करने की सूचना एजेंसियों को मिलती रहती है। राज्य के कई हिंसक आंदोलनों से विवि के पूर्व छात्रों के जुड़े होने की सूचना भी सामने आ चुकी है।
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अब तक विवादों की टाइमलाइन
वर्ष 2010- विवि की पूर्व छात्रा देवलीना चक्रवर्ती के विवि कैम्पस में पत्रकार वार्ता करने पर जोरदार विवाद। उसपर यूएपीए का मामला चल रहा था।
अगस्त 2013- विवि की पूर्व छात्रा जोइता दास को माओवादियों से संपर्क होने के संदेह में गिरफ्तार किया गया
सितम्बर 2014- विवि में होक कलरब नाम का बड़ा आंदोलन हुआ। उस समय भी आंदोलन के नेपथ्य में चरम वामपंथियों का नाम सामने आया।
फरवरी 2016 – चरम वामपंथी व माओवादी समर्थक छात्र संगठन के सदस्यों ने रैली निकाली, भारत विरोधी नारे लगाए।
मई 2016- विवि में फिल्म निर्देशक विवेक अग्रिहोत्री की फिल्म बुद्धा इन ए ट्राफिक जाम के प्रदर्शन को लेकर हंगामा, अग्रिहोत्री का घेराव। फिल्म की पृष्ठभूमि अर्बन नक्सलवाद थी।
अगस्त 2017- परिसर में कुलपति का कई घंटों तक घेराव।
मार्च 2018 – श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा में तोडफ़ोड़, रेडिकल के कई समर्थक गिरफ्तार।

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मुख्यमंत्री जता चुकी है गुस्सा
राज्य के पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने विवि में हुए हिंसक विरोध के बाद कहा था कि जादवपुर विवि गड़बडिय़ों का केन्द्र बनता जा रहा है।
वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि यदि शिष्टाचार और सौजन्यबोध में कमी है तो इसका मतलब यह है शिक्षा में चूक है। शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान प्राप्ति होना चाहिए।
अभिषेक बनर्जी कह चुके हैं नशेडिय़ों का अड्डा
तृणमूल कांग्रेस नेता व ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी वर्ष 2014 में विवि के छात्र छात्राओं को नशेड़ी कहा था। उनके मुताबिक शराब, गांजा, चरस पर कार्रवाई से वहां आंदोलन किया गया था।
भाजपा बताती है देशविरोधियों का केन्द्र
कई मौकों पर भाजपा नेताओ ंने जादवपुर को देशविरोधी तत्वों का केन्द्र बताया है। वहीं उसका छात्र संगठन अभाविप वामपंथी छात्र संगठनों पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाता रहता है।
रैंकिंग में है टॉप दस में
विवि से जुड़े विवादों की फेहरिश्त भली ही लंबी हो लेकिन यहां का अकादमिक प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर पर है। विवि को वर्ष 2018 में ओवरऑल 6ठीं रैंकिंग मिली थी। वहीं वैश्विक स्तर पर दी जाने वाली क्यू एस रैकिंग में विवि का स्थान 601 से 650 के बीच व ब्रिक्स देशों की रैकिंग में 74वें पायदान पर है।
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