जर्मनी में उनके नाम पर सडक़
नेवर ने कहा कि जर्मनी में उनके नाम पर एक सडक़ है। युवा पीढ़ी को उनके बारे में ज्याादा से ज्यादा जानकारी देनी चाहिए। वे विलक्षण, प्रतिभायुक्त, प्रसिद्ध साहित्यकार, इतिहासकार, पुरातत्ववेत्ता व बहुभाषी विद्वान थे। समारोह का संचालन काली प्रसाद जायसवाल दुबेला ने किया।हीरालाल जी हमारे गुरु
इस मौके पर राजस्थान पत्रिका के वरिष्ठ पत्रकार केडी पार्थ के साथ ही शिक्षाविद हीरालाल जायसवाल को भी डॉ. काशीप्रसाद जायसवाल प्रतिभा सम्मान-2022 से सम्मानित किया गया। केडी पार्थ ने कहा कि हीरालाल जायसवाल उनके गुरु हैं। गुरु के साथ वे सम्मानित हो काफी गौरवांति महसूस कर रहे हैं। वे जब 1984 में पश्चिम बंगाल माध्यमिक की परीक्षा पास कर आदर्श माध्यमिक विद्यालय में 11वीं में कॉमर्स पढऩे के लिए दाखिला लिए, तब हीरालाल जी ने उनको पढ़ाया था।जारी हुआ था विशेष डाक टिकट
भारत सरकार ने 1961 में कुछ विशिष्ट महापुरूषों के सम्मान में विशेष डाक टिकटों को जारी करने का निर्णय लिया था। उनमें एक नाम डा. काशी प्रसाद जायसवाल का भी था। समारोह को सफल बनाने में प्रकाश जायसवाल, अमृतलाल जायसवाल, शंभूनाथ जायसवाल, अरविन्द कुमार साव आदि सक्रिय रहे।