सुरक्षा व्यवस्था देख बदला प्लान पूछताछ के दौरान आरोपियों ने सनसनी खुलासा किया है। आरोपियों ने बताया कि उनलोगों ने दुर्गापूजा के दौरान सोमेन बसु के अपहरण की योजना बनाई थी। दुर्गापूजा के समय कोलकाता में भारी सुरक्षा व्यवस्था होने की वजह से अपहरण की योजना दो दिन के लिए टाल दी गई। दुर्गापूजा के समापन के दो दिन बाद यानी 10 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे के करीब ई-मॉल के पास से सोमेन का अपहरण कर उसे अपने साथ बीरभूम ले गए।
1 करोड़ रुपए ठगी करने का आरोप अपहरण की साजिस रचने का मास्टरमाइंड अभिजीत घोष ने पुलिस को बताया कि सोमेन ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर उससे व उसके जरीए कई और लोगों से 1 करोड़ रुपए लिए थे। नौकरी नहीं मिलने पर रुपए लौटाने की मांग करने पर सोमेन आनाकानी कर रहा था। इसीलिए उसके अपहरण की योजना बनाई गई थी। अपहर्ताओं में 3 पुलिस कर्मी और बीएसएफ का 1 जवान शामिल है । इनके नाम श्यामल मंडल (33) कांस्टेबल,कोलकाता पुलिस, जाकिर खान (33) कांस्टेबल, कोलकाता पुलिस, मोहम्मद हनीफ(31) कांसटेबल, वेस्ट बंगाल पुलिस, आमिर हुसैन-(33) कांस्टेबल बीएसएफ, मनजारूल हक (45) व मुख्य आरोपी अभिजीत घोष (25) है। अभिजीत और श्यामल मालदह जिले के रहने वाले हैं। अन्य सभी बीरभूम जिले के हैं। ये सभी एक दूसरे को पहचानते हैं। अभिजीत ने अदायगी का 40 फीसदी हिस्सा अपहरण में शामिल लोगों को देने का वादा किया था।