मनपसंद किताबों की तालाश अलग जगह पर पुस्तक मेले होने के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है। एक तो अपनी मन पसन्द पुस्तक के स्टाल को ढूंढ़ते लोग दिखे। लोग गिल्ड की ओर से दिए गए नक्शे का सहारा ले रहे हैं।
हिन्दी नदारद
हिन्दी नदारद
लघु पत्रिका के स्टाल भी नजर आते हैं पर इस बार छोटी सी जगह होने के कारण या जगह बदलने के कारण बहुत से लघु पत्रिका वाले खासकर हिन्दी वालों के स्टाल नदारद रहे।
युवाओं में जोश
युवाओं में जोश
पुस्तक मेला महज मेला नहीं है यह बंगाल का एक बड़ा उत्सव भी है। इस उत्सव के रंग में अब बंगाल के लोग रंगते दिखे। किशोर से लेकर युवा और साहित्यकार से पुस्तक प्रेमी रविवार की छुट्टी के दिन नजर आए। युवाओं में खास उत्साह दिखा। युवाओं का कहना है कि हमने अपनी लिस्ट पहले से ही तैयार कर रखी थी जिसे अब पुस्तक मेले में खरीद रहे हैं।
पुस्तक प्रेमी खुश
पुस्तक प्रेमी सेंट्रल पार्क में मेला आयोजित होने से खुश है। कुछ का कहना है कि जगह कम होने के कारण असुविधा हो रही है। पर घर के पास होने तथा वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण पहुंचने में आसानी हो रही है। यह जगह थोड़ी बड़ी होने से और मजा आता।
पुस्तक प्रेमी सेंट्रल पार्क में मेला आयोजित होने से खुश है। कुछ का कहना है कि जगह कम होने के कारण असुविधा हो रही है। पर घर के पास होने तथा वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण पहुंचने में आसानी हो रही है। यह जगह थोड़ी बड़ी होने से और मजा आता।
जमाया अड्डा
पुस्तक मेले में अलग से खाने-पीने के पेवेलियन में भी लोगों की भीड़ नजर आई। वहीं बहुत से बच्चे से लेकर युवा पुस्तक खरीदने के साथ ही पढऩे बैठ गए। वहीं ग्रुप करके युवा बैठ कर गाते दिखे। कुल मिलाकर मेला में लोगों को अड्डा जमाते देखा गया। पुस्तक मेले में काव्य की धारा भी बही।
पुस्तक मेले में अलग से खाने-पीने के पेवेलियन में भी लोगों की भीड़ नजर आई। वहीं बहुत से बच्चे से लेकर युवा पुस्तक खरीदने के साथ ही पढऩे बैठ गए। वहीं ग्रुप करके युवा बैठ कर गाते दिखे। कुल मिलाकर मेला में लोगों को अड्डा जमाते देखा गया। पुस्तक मेले में काव्य की धारा भी बही।