सूत्रों के अनुसार बेनाचीती नोतून पल्ली का रहने वाला असीम पाल पेशे से गाड़ी चालक है। उसने तीन साल पहले घर बनाने के लिए लोगों से ऋण लिया था। जिसे चुकाने के लिए दूसरी जगह से ऋण लिया। इस तरह वह कर्ज के जाल में फंस गया था। बकाएदार घर आकर तकादा करने लगे थे। इससे तंग आकर दम्पती ने शुक्रवार की रात को अपने बेटे को सुलाने के बाद रसोईघर में जाकर एक साथ आत्महत्या कर ली। शनिवार की सुबह दरवाजा न खोलने पर आस-पास के लोगो ंने आवाज लगाई। जवाब नहीं मिला तो खिड़की से झांक कर देखा तो पाया कि बेटा बिस्तर पर सो रहा है और रसोईघर में दोनों का शव फंदे से लटका हुआ है। पुलिस को सूचित किया गया।
मृतक के पिता असीम पाल ने बताया कि शुक्रवार को बेटे ने एक लाख रुपए की मांग की थी। उनके लिए एक साथ इतनी बड़ी राशि दे पाना सम्भव नहीं था। उन्होंने बेटे को पैसे देने से मना कर दिया। उन्हें पता होता कि पैसे नहीं मिलने पर बेटा आत्महत्या कर लेगा तो वे कुछ न कुछ व्यवस्था जरूर करते। उनके मुताबिक शादी के बाद से ही उनके बेटे की पत्नी अपने परिवार के साथ अकेले रहना चाहती थी। उसके दबाव में आकर ही बेटे ने उधार लेकर घर बनवाया था। 20 प्रतिशत ब्याज की दर से कर्ज लिया। जिसे न चुका पाने के कारण ऋण की राशि लगातार बढ़ रही थी। पुलिस ने बताया कि अत्याधिक ऋण होने के कारण परेशान दम्पती ने आत्महत्या की है। फिलहाल शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतकों के कमरे से एक डायरी भी मिली है, जिसमें देन दारों के नाम, फोन नम्बर तथा ऋण की राशि आदि लिखी हुई है।