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कृत्रिम लाइटों से बढ़ा रहा है कोलकाता में प्रकाश प्रदूषण

-सडक़ों को जगमगाने वाली स्ट्रीट लाइटों से हो रही है खतरनाक बीमारियां

कोलकाताMay 12, 2019 / 10:59 pm

Rakesh Mishra

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Lighting pollution in Kolkata by growing artificial lights

कोलकाता

रात में सडक़ों को जगमगाने वाली स्ट्रीट लाइट देखने में जितनी सुंदर लगती है। उसका दुष्प्रभाव उतना ही खतरनाक है। एक अध्ययन के मुताबिक सडक़, पार्क, शादी समारोह में लगने वाले रंग-बिरंगे एलईडी व फ्लड लाइटों से हमारे जीवन पर नकारात्मक असर पड़ता है। कोलकात में पिछले २० सालों में कृत्रिम लाइटों की चकाचौंध से प्रकाश प्रदूषण उच्च स्तर पर पहुंच गया है। इस पर पर्यावरणविदों व चिकित्सकों ने चिन्ता व्यक्त की है। वहीं राज्य सरकार, विकास के नाम पर सडक़, ब्रिज, फ्लाईओवर, पार्क, बिल्डिंगों व अस्पतालों को रोशनी से चमकाने के लिए रंग-बिरंगी कृत्रिम लाइट लगाने में प्रति वर्ष करोड़ों रुपए खर्च करती है। भारत में डायबिटीज रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जानकारों के मुताबिक भारत में डायबिटीज रोगियों के बढऩे की एक वजह प्रकाश प्रदूषण भी है। कृत्रिम लाइटों का असर केवल मनुष्य के स्वास्थ्य पर ही नहीं बल्की पेड़-पौधे व पशु-पक्षियों पर भी पड़ रहा है। कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रकृति विज्ञान संकाय के एक शोधार्थी के मुताबिक, कोलकाता में 20 वर्षों में कृत्रिम रोशनी से प्रदूषण उच्च स्तर तक पहुंच गया है।
स्वास्थ्य के लिए हानिकारक

जाने माने पर्यावरणविद् सुभाष दत्ता नेे प्रकाश प्रदूषण को स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बताया है। उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण केवल कल-कारखाने या वाहनों से निकलने वाला धुएं से ही नहीं बल्कि रात में सडक़ों पर जगमगाने वाली लाइटों, शादी समारोह में लगाई जाने वाली फ्लड लाइटों से भी होता है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से कोयला से थर्मल पावर यानि बिजली तैयार करने में जहरीला धुआं निकलता है, ठीक उसी प्रकार बिजली से सडक़ों पर जगमगाने वाली लाइटों से वातावरण को नुकसान होता है।
कितना खतरनाक है प्रकाश प्रदूषण


हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ मृत्युजंय सिंह के मुताबिक कृत्रिम लाइट से व्यक्ति के जीवनचर्या पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। हमारे शरीर में हार्मोन के उत्पादन, नई कोशिकाओं के बनने और शरीर में होने वाली अन्य गतिविधियों को नुकसान पहुचाता है। इसके प्रभाव से अनिद्रा, अवसाद, ह्रदय रोग, डायबिटीज, मोटापा, स्तन कैंसर जैसे खतरनाक बीमारियां हो सकती है।
क्या है उपाय

प्रकाश प्रदूषण को कम करने का सबसे बेहतर उपाय यह है कि हम रंग-बिरंगे लाइटों का कम से कम इस्तेमाल करें।
कृत्रिम लाइट कहां जलाए और कहां नहीं जलाएं, इसको लेकर हमारे देश में कोई कानून नहीं है। यही वजह है कि लाइटों के जरिए सजावट का कारोबार भारत में तेजी से बढ़ रहा है। लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक होने की आवश्यकता है।

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