स्वास्थ्य के लिए हानिकारक जाने माने पर्यावरणविद् सुभाष दत्ता नेे प्रकाश प्रदूषण को स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बताया है। उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण केवल कल-कारखाने या वाहनों से निकलने वाला धुएं से ही नहीं बल्कि रात में सडक़ों पर जगमगाने वाली लाइटों, शादी समारोह में लगाई जाने वाली फ्लड लाइटों से भी होता है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से कोयला से थर्मल पावर यानि बिजली तैयार करने में जहरीला धुआं निकलता है, ठीक उसी प्रकार बिजली से सडक़ों पर जगमगाने वाली लाइटों से वातावरण को नुकसान होता है।
कितना खतरनाक है प्रकाश प्रदूषण
हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ मृत्युजंय सिंह के मुताबिक कृत्रिम लाइट से व्यक्ति के जीवनचर्या पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। हमारे शरीर में हार्मोन के उत्पादन, नई कोशिकाओं के बनने और शरीर में होने वाली अन्य गतिविधियों को नुकसान पहुचाता है। इसके प्रभाव से अनिद्रा, अवसाद, ह्रदय रोग, डायबिटीज, मोटापा, स्तन कैंसर जैसे खतरनाक बीमारियां हो सकती है।
क्या है उपाय प्रकाश प्रदूषण को कम करने का सबसे बेहतर उपाय यह है कि हम रंग-बिरंगे लाइटों का कम से कम इस्तेमाल करें।
कृत्रिम लाइट कहां जलाए और कहां नहीं जलाएं, इसको लेकर हमारे देश में कोई कानून नहीं है। यही वजह है कि लाइटों के जरिए सजावट का कारोबार भारत में तेजी से बढ़ रहा है। लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक होने की आवश्यकता है।