अस्पताल के पास जेनरेटर नहीं होने पर बाहर से किराए पर जेनरेटर मंगाकर बिजली आपूर्ति की गई। लगभग डेढ़ घंटे के बाद बिजली आई। इस वजह से मेडिसिन विभाग के रोगियों को बहुत समस्या हुई।
30 गंभीर रूप से बीमार लोगों को अन्य वार्ड में शिफ्ट किया गया। वहीं, कार्डियोलॉजी विभाग की सीसीयू में भी परेशानी हुई। रोगियों को सांस लेने में समस्या हो रही थी।
जेनरेटर लाकर की व्यवस्था
बाद में जेनरेटर लाकर व्यवस्था करवाई गई। अस्पताल के अधीक्षक पीतबरन चक्रवर्ती ने बताया कि सीईएससी की गलती की वजह से समस्या हुई। लेकिन रोगियों को विशेष समस्या नहीं हुई। 20 मिनट के अंदर बिजली बहाल कर दी गई। रविवार को कोई ऑपरेशन नहीं था। सब सामान्य रहा।
चिकित्सक को मुआवजा देने का निर्देश
चिकित्सकीय लापरवाही के लिए आरजीकर अस्पताल व एक नर्सिंग होम के चिकित्सक को मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है। राज्य कंज्यूमर फोरम की ओर से आरजी कर अस्पताल व हाबरा के नर्सिंग होम के चिकित्सक संजीव कुमार साहा को नोटिस देकर मृत रोगी के परिजनों को 95.5 लाख रुपए बतौर मुआवजा देने को कहा गया है।
पश्चिम बंगाल राज्य उपभोक्ता विवाद निपटारी आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश ईश्वरचंदर दास व तपव्रत गंगोपाध्याय के डिविजन बेंच ने शुक्रवार को यह निर्देश दिया। उल्लेखनीय है कि उत्तर 24 परगना के हाबरा के एक नर्सिंग होम में विगत दो फरवरी को 20 वर्षीया अर्चना दे को भर्ती कराया गया था। वह प्रसव पीड़ा से बैचेन थी। नर्सिंग होम में उसने एक बच्चे को जन्म दिया। उसके बाद से ही उसकी स्थिति बिगडऩे लगी।