MAHARUDRABHISHEK ON SAVAN IST MONDAY AT GHUSUDIDHAAM: श्रावण के पहले सोमवार पर घुसुड़ीधाम में महारुद्राभिषेक
MAHARUDRABHISHEK ON SAVAN IST MONDAY AT GHUSUDIDHAAM: दिन भर पूजा-अर्चना, सामूहिक आरती में उमड़े शिवभक्त
MAHARUDRABHISHEK ON SAVAN IST MONDAY AT GHUSUDIDHAAM: श्रावण के पहले सोमवार पर घुसुड़ीधाम में महारुद्राभिषेक
हावड़ा. श्याम मंदिर घुसुड़ीधाम में श्रावण के पहले सोमवार को पूजा-अर्चना, जलाभिषेक के लिए सुबह से ही शिव भक्तों का तांता लगा रहा। हाथ में गंगाजल, दूध, बिल्व पत्र, ऑक, धतूरा आदि के साथ शिव भक्त सुबह से ही मंदिर पहुंचे और भोलेनाथ की विधिवत् पूजा की। सुबह 9 बजे मंदिर में 11 विद्वतजनों के सान्निध्य में महारूद्राभिषेक हुआ। मंदिर के कार्यकर्ता राजेश-मनीषा सिंघानिया ने विधिवत् पूजन-अर्चन कराते हुए महारुद्राभिषेक की अगुवाई की। इस दौरान भोलेनाथ का गंगाजल, नारियल जल, दूध, गन्ना रस, शहद, घृत आदि से अभिषेक कर शिव के सहस्त्र नामों के साथ कमल पुष्प अर्पित किया गया। सहस्त्राधिक कमल पुष्पों से सजी महादेव की नयनाभिराम झांकी ने भक्तों का मन मोह लिया। सुमधुर भजनों व संगीतमय स्तुति से शिव गुणगान के बाद सामूहिक आरती में भक्तों की भीड़ उमड़ी।मंदिर के प्रबंध न्यासी विनोद टिबड़ेेवाल ने बताया कि प्रसाद वितरण के साथ महारुद्राभिषेक का समापन हुआ।
इस बार पूरे श्रावण माह मंदिर में स्थित महादेव की दैनिक पूजा, श्रृंंगार, रूद्राभिषेक-जलाभिषेक का आयोजन किया गया है। मंदिर के प्रबंध न्यासी विनोद टिबड़ेवाल ने बताया कि श्रावण के प्रथम रविवार को सामूहिक कांवड़ यात्रा के प्रथम चरण में बंगेश्वर महादेव नया मंदिर से 2 हजार भक्तों ने कांवड़ उठाई और सलकिया स्कूल रोड, बांधाघाट, सत्यनारायण टेम्पल रोड, जेएन मुखर्जी रोड होते हुए श्याम मंदिर घुसुड़ीधाम पहुंच कर बाबा भोलेनाथ का कतारबद्ध होकर जलाभिषेक किया। श्रावण माह के प्रथम सोमवार (22 जुलाई) को घुसुड़ीधाम में 17 जुलाई से शुरू श्रावण माह महोत्सव 15 अगस्त तक चलेगा। इसके अन्तर्गत श्रावण माह के प्रत्येक रविवार को सामूहिक कांवड़ यात्रा का आयोजन किया गया है। इसमें 28 जुलाई को भूतनाथ मंदिर (कोलकाता) से, 4 अगस्त को दक्षिणेश्वर काली मंदिर से, 11 अगस्त को बंगेश्वर महादेव (नया मंदिर,हावड़ा) से कांवड़ यात्रा निकलेगी जो घुसुड़ीधाम में आकर जलाभिषेक के साथ सम्पन्न होगी। श्रावण माह के प्रत्येक सोमवार (22 ,29 जुलाई, 5, 12 अगस्त) को महारुद्राभिषेक के साथ श्रद्धालुओं के लिए पूजा-अर्चना का प्रबंध रहेगा।