जिलों में प्रशासनिक अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देशों के साथ साथ जनप्रतिनिधियों को भी विशेष हिदायत दी गई है। सचिवालय नवान्न स्थित सीएमओ कार्यालय ने जनप्रतिनिधियों को उत्सवों के दौरान अपने-अपने इलाके में रहने का आग्रह किया है। तृणमूल कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने भी पार्टी के जनप्रतिनिधियों को शहर से बाहर जाने से मना कर दिया है।
कोलकाता. कांग्रेस और माकपा ने कहा कि पंचायत चुनाव के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही सब कुछ नहीं है। न्यायिक व्यवस्था का सम्मान और फैसला मानना हमारी विवशता है। पंचायत चुनावों के दौरान राज्य में लोकतंत्र की हत्या हुई है, यह राज्य की ग्रामीण जनता से लेकर मीडिया सब को पता है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कोर्ट के फैसले को तृणमूल कांग्रेस भले ही ऐतिहासिक जीत कहे, पर सचाई यह है कि राज्य की कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि केंद्रीय बल के बिना शांतिपूर्ण चुनाव संभव नहीं है। अधीर ने कहा कि केवल 34 फीसदी सीटों पर तृणमूल कांग्रेस निर्विरोध जीती है, शेष 66 फीसदी सीटों पर जहां चुनाव हुए वह स्वच्छ और निष्पक्ष नहीं हुआ। दूसरी ओर, माकपा पोलित ब्यूरो के वरिष्ठ सदस्य तथा वाममोर्चा चेयरमैन विमान बोस ने कहा कि सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस बड़ी सूझबूझ के साथ पंचायत चुनाव में धांधली और अत्याचारों पर कानूनी मुहर लगवाने में सफल हुई है। लोकतंत्र का गला घोंटे जाने के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा, ताकि भविष्य में किसी भी चुनाव में सत्तारूढ़ दल की साजिश को रोका जा सके।